वन गुर्जरों के डेरे में हुए बाढ़ जैसे हालात।

वन गुर्जरों के डेरे में हुए बाढ़ जैसे हालात।
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कोटद्वार:–कोटद्वार में तीन दिनों की बारिश ने भारी तबाही मचाई या यूं कहे की पूरी जिंदगी को झंकझोर कर रख दिया हो। तबाही के तांडव से वन गुर्जर भी सहमे हुए है। कोटद्वार रेंज के कंपार्टमेंट 19 में रह रहे वन गुर्जरों की आबादी लगभग दो सौ है और इनको रहते हुए लगभग सौ साल हो चुके है। इन वन गुर्जरों का डेरा सिगड्डी स्रोत से सटा हुआ है जिस कारण यह वन गुर्जर मौत के साए में जीने को मजबूर है। कल सुबह की तेज बारिश ने सिगड्डी स्रोत के उफान को डेरे की ओर मोड़ दिया और नदी ने तबाही मचाते हुए इनकी गौशालाओं और मवेशियों को बहा ले गया जिसमे इन वन गुर्जरों को भारी भरकम नुकसान हुआ है। जहां पर कल तक इन गुर्जरों के गौशाला और खलियान हुआ करते थे वह अब नदी में तब्दील हो चुकी है।वन गुर्जर समसाद ने बताया की अचानक नदी का रुख उनके डेरे की और हो गया जिससे बाढ़ जैसे हालात हो गए किसी तरह वह भारी बारिश में अपने परिवार को लेकर डेरे से बाहर निकला और परिवार को सुरक्षित जगह में बैठकर दुबारा डेरे में गया तो देखा कि उसकी दो भैंस और तीन गाय बह गई। नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए सबकुछ तहस में कर दिया। वहीं अन्य वन गुर्जरों का कहना है हमे पीने के पानी के लिए 2किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है तब जाकर हमारे हमे पानी मिलता है हमने कई बार शासन प्रशासन से हैंडपंप लगाने की मांग की लेकिन आज तक हैंडपंप नही लगा हमे कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। हमे केवल मतदान का अधिकार दिया गया है हम केवल विधायक और सांसद चुनकर भेजते है उसके बाद कोई भी हमारी सुध नहीं लेता है। आबादी क्षेत्र से कुछ लोग रेडियो लेकर हमे प्रधान मंत्री की मन की बात सुनाने के लिए आ जाते है। लेकिन हमारी समस्या सुनने कोई नही आता। सरकार अगर ऐसे ही हमारी अनदेखी करती रहेगी तो हम वन गुर्जरों को एकजुट होकर आगे आने को मजबूर होना पड़ेगा।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]

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