जिस पुल को समझा जाता था मील का पत्थर,उसी की स्थिति हुई बद्तर।

जिस पुल को समझा जाता था मील का पत्थर,उसी की स्थिति हुई बद्तर।
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कोटद्वार:–प्रदेश के कई जिलों में मानसून अपना रौद्र रूप दिखा रहा है जिसमे कोटद्वार भी सामिल है आज सुबह से लगातार हो रही बारिश से शहर के कई इलाके जल मग्न और कई मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। कोटद्वार को नुकसान के रूप में सबसे बड़ी क्षति मोटाढाक में मालन नदी में बना पुल का हिस्सा टूटने से पहुंचा। यह पुल भाबर को कोटद्वार से जोड़ने की लाइफ लाइन है। बिना रखरखाव के मालन नदी का यह पुल आपदा की भेंट चढ़ गया। हादसे के दौरान बाइक सवार 5 युवक भी नदी में जा गिरे जिनमे से दो युवक घायल हो गए और तीन अभी भी लापता है जिनकी खोजबीन जारी है।
आपको बताते चले की 2007 के वक्त खंडूरी सरकार के दौरान कोटद्वार नगर और भाबर क्षेत्र को जोड़ने वाले मालन नदी के पुल का शिलान्यास किया गया था और 2010 में रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व मैं इस पुल का उद्घाटन किया गया था लेकिन इस वर्ष की बरसात में यह पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है और यहां से आना जाना पूरी तरह से बाधित हो चुका है ।
इस पुल के गिरते ही शासन प्रशासन पर अब उंगलियां भी उठने लगी हैं सूत्रों की माने तो इस पुल के नीचे विगत कई वक्त से लगातार अवैध खनन चल रहा था और इस पुल के गिरने का एक मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है । यही नहीं इस पुल की मरम्मत को लेकर कोटद्वार की स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कई बार शासन प्रशासन को अवगत भी करवाया था हालांकि कोई भी एक्शन शासन प्रशासन की तरफ से इसमें देखने को नहीं मिला ।
इस पूरे मामले पर लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है सचिव पंकज पांडे का यह कहना है कि इस पुल के गिरने के कारणों की फिलहाल जांच की जा रही है और जांच के बाद ही क्या कार्यवाही होनी है यह निर्णय लिया जाएगा जहां तक खनन की बात है तो खनन को पहले ही रोक दिया गया था फिलहाल इस पुल से आवाजाही के लिए एक वैकल्पिक पुल की व्यवस्था की जा रही है ताकि स्थानीय निवासियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो साथ ही आपदा विभाग को भी इस पुल को लेकर अवगत करवाया जा चुका है और शाशन प्रशासन पूरी तरह से इस समस्या के निवारण के लिए तत्पर है।साथ ही सचिव लोक निर्माण विभाग ने यह भी अवगत करवाया है कि पूरे उत्तराखंड में लगभग 400 के आसपास सड़कें बाधित हुई हैं जिसको खोलने का कार्य निरंतर जारी है । लोक निर्माण विभाग के द्वारा जगह-जगह मशीनरी पहले से ही तैनात की जा चुकी थी साथी एसटीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने भी ऐसी जगहों पर तैनात कर दी जा चुकी थी जोकि लैंडस्लाइड पॉइंट शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे ।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]
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