त्रिपाठी को 5साल की कठोर कारावास की सजा।
देहरादून:– विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधि० गढवाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा ने रिश्वत मामले के अभियुक्त सुधाकर त्रिपाठी को दोषी पाते हुये पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार अर्थदण्ड लगाया।
विजिलेंस कोर्ट ने घूसखोरी के 14 साल पुराने मामले में दोषी अवर अभियंता को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उसे 25 हजार रुपये जर्माना भी अदा करना होगा। निदेशालय सतर्कता अधिष्ठान की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मामला 16 जुलाई 2010 का है। विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार में तैनात अवर अभियंता सुधाकर त्रिपाठी द्वारा ठेकेदार से अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी। सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर की ट्रैप टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। तब से मामला विजिलेंस कोर्ट में विचाराधीन था। अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र आर्य, पैरोकार कानि. गोपाल की ओर से मामले में पैरवी की गई। शनिवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढ़वाल परिक्षेत्र मनीष मिया ने आरोपी त्रिपाठी को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।
विजिलेंस ने अपील की है कि यदि कोई सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी किसी प्रकार का दबाव बनाकर रिश्वत की मांग करता है, तो लोग सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नंबर-1064, व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर शिकायत कर सकते हैं।