अवैध खनन को रोकने का जिम्मा एक अधिकारी के कंधो पर,अन्य जिम्मेदार अधिकारी नतमस्तक।

अवैध खनन को रोकने का जिम्मा एक अधिकारी के कंधो पर,अन्य जिम्मेदार अधिकारी नतमस्तक।
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कोटद्वार:- लैंसडोन वन प्रभाग के डीएफओ दिनकर तिवारी अवैध खनन पर सख्त रुख अपना रहे है। डीएफओ के निर्देशन में कोटद्वार रेंज के रेंजर अजय ध्यानी अवैध खनन पर कड़ी कार्यवाही कर रहे है। मालन, सुखरो और खोह नदी में अवैध खनन को प्रतिबंधित करने का पूर्ण प्रयास कर रहे कोटद्वार रेंज के रेंजर अजय ध्यानी ने तीन माह में अवैध खनन में पर कार्यवाही करते हुए सतक के करीब पंहुच चुके है। इसी कार्यवाही की श्रृंखला में आज मुखबिर के द्वारा सुखरो नदी में अवैध खनन की सूचना मिलने पर रेंजर अजय ध्यानी ने टीम के साथ मौके पर पंहुच कर अवैध खनन कर रहे तीन ट्रेक्टरो को पकड़ लिया और वन विभाग की टीम को देखकर खननकारी मौके से फरार हो गए। आरबीएम से भरे तीनों ट्रेक्टरो को पकड़कर रेंज कार्यालय में सीज कर खड़ा कर दिया गया है।

आपको बताते चले की इसी अवैध खनन की मेहरबानी से सुखरो नदी में स्थित कोटद्वार भाबर को जोड़ने वाला पुल का एक पिलर धंस गया था और लगभग डेढ़ माह तक इस पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद रही और अभी भी केवल छोटे वाहन ही इस पुल से गुजर रहे है।
राजस्व विभाग,एआरटीओ और पुलिस भी बखूबी अपनी जिम्मेदारियों को समझ ले तो वह दिन दूर नही जिस दिन इन नदियों पर अवैध खनन पूरी तरह बंद हो जायेगा। मालन, सुखरो और खोह नदी आबादी से लगे हुए है। सुखरो नदी से चंद कदमों की दूरी पर एआरटीओ कार्यालय,न्याय का मंदिर न्यायलय और एएसपी आवास है।
वहीं मालन नदी से चंद कदमों की दूरी पर पटवारी कार्यालय और पुलिस बीट है। खोह नदी कोटद्वार शहर से लगी हुई है जहां पर सभी सभी जिम्मेदार विभागो के कार्यालय है और झंडोचोक पर हमेशा पुलिस तैनात रहती है। इतनी निगरानी होने के बावजूद भी आरबीएम के ट्रैक्टर आसानी से निकल जाते है।

पुलिस की चेकिंग केवल दुपहिया वाहनों के हेलमेट तक सीमित है। बिना हेलमेट बाइक, स्कुटी चलाने वाले को पुलिस ऐसे पकड़ती है जैसे धारा 302 का फरार मुजरिम हो। वहीं सामने से बेधड़क अवैध आरबीएम से लदे हुए ट्रैक्टर गुजर जाते है,जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते है।

वहीं एआरटीओ कोटद्वार की बात करे तो वह भी कुंभकरण की नींद सो रहे है बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ट्रैक्टर खुलेआम चल रहे है। 

वहीं बात की जाए सामाजिक संगठनों और प्रदर्शनकारियों की तो वह चम्मच खोने पर रैली,भूख हड़ताल और अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग करने लगते है। लेकिन जिस अवैध खनन ने कोटद्वार की आवो हवा बदल कर रख दी उसमे सभी दल के नेताओ और सामाजिक संगठनों से चुप्पी साधी हुई है।
वहीं सूत्रो की माने तो सामाजिक कार्यकर्ताओं और कुछ पार्षदो के अवैध खनन में ट्रैक्टर लगे हुए है वहीं नेताओ के डंपर और जेसीबी मसीन इस पूरे अवैध खनन के खेल को अंजाम दे रहे है।
जिस तरह से रेंजर अवैध खनन पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर लगाम लगाने का प्रयास कर रहे है। वह अन्य विभागो के जिम्मेदार अधिकारियों के मुंह पर एक तमाचा है।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]

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