सफेदपोसो की सह में चल रहा अवैध खनन का काला खेल।
कोटद्वार(योगेश चौहान): कोटद्वार की मुख्य नदी मालन,सुखरों नदी में जोरों पर अवैध खनन चल रहा है। जिसमे करोड़ो रूपये राजस्व नुकसान का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ रहा है। कई बार स्थानीय लोगों के द्वारा प्रशासन को भी अवैध खनन के बारे में अवगत कराया जा चुका है,लेकिन प्रशासन मात्र खानापूर्ति के लिए अवैध खनन पर कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ देता है। शाम ढलते ही सुखरों और मालन नदी में ट्रैक्टरों का मेला लग जाता है और पूरी रात अवैध खनन का काला खेल इन नदियों में चलता रहता है। जिसमें खनन माफिया नदियों का सीना चीर कर आरबीएम को ले जा रहे हैं। खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद है की उन्हें किसी भी कार्यवाही का कोई डर नहीं,जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन खनन माफियाओं को कोई राजनीतिक सह प्राप्त है। सुखरों और मालन नदी के पुलों पर खनन माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है। जिसमें यह खनन माफिया वन कर्मियों और राजस्व कर्मियों पर भी हमला करने से नहीं कतराते। हमले के डर से जिम्मेदार महकमा नदियों से दूरी बनाए रखता है।
लगातार मिल रही अवैध खनन की शिकायत पर स्वयं तहसीलदार विकास अवस्थी ने संज्ञान लिया और देर रात तहसीलदार अपने अन्य कर्मचारियों के साथ अवैध खनन पर कार्यवाही के लिए मालन नदी में उतरे। अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए आरबीएम से लदे तीन ट्रैक्टरों को मौके से पकड़ लिया। जिससे खनन माफियाओं में अफरा तफरी मच गई।
गनीमत रही कि तहसीलदार के साथ में पूरी फोर्स थी जिस कारण खनन माफियाओं ने अधिकारियों पर हमला करना मुनासिब नहीं समझा।
कोटद्वार मैं लगातार अवैध खनन से करोड़ों की चांदी काट रहे हैं खनन माफिया।
इससे पहले भी खनन पट्टों की आड़ में भारी मात्रा में अवैध खनन सामग्री से लदे डम्पर दूसरे राज्यो में सप्लाई किये जा रहे थे।
सूत्रों से पता चला है कि एक विधायक इस पूरे अवैध खनन के काले खेल को अंजाम दे रहा है और कोटद्वार के ट्रेक्टर वालो को इस खनन में शामिल करके कोटद्वार में अपनी राजनीतिक जमीन मज़बूत करना चाहता है।जिसमे संगठन के पूर्व कुछ पदाधिकारी भी सामिल है।