सरकार की अनदेखी के चलते जगमोहन सिंह की हुए मौत।



कोटद्वार:- सरकार के द्वारा देश को विकसित करने के तमाम दावे किए जा रहे हैं तो वहीं धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है।
21वीं सदी में आज भी कई गांव ऐसे है जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और सरकार की बेरुखी के कारण मासूम लोग अपनी जान गंवा रहे है।
ऐसा ही एक उपेक्षित गांव है झवाणा जो यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कोटद्वार से दस किलोमीटर आगे चलकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमसौड गांव पड़ता है जहां से साढ़े तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढकर झवाणा गांव जाया जा सकता है। लगभग तीन सौ की आबादी वाले इस झवाणा गांव तक सड़क नही पहुंच पाई है। सड़क नही पहुंच पाने के कारण इस गांव गांव के लिए बीमार व्यक्ति को डंडी कंडी के सहारे किसी तरह अस्पताल तक पहुंचाते है।
ग्रामीणों को कहना है की जब हम बीमार व्यक्ति को डंडी कंडी के सहारे साढ़े तीन किलोमीटर पैदल जंगल और झाड़ियों के बीच से लाते है तो बीमार बीमार व्यक्ति अपनी जीने की आस छोड़ देता है ऐसा ही कल इस उपेक्षित गांव झवाणा में देखने को मिला 58वर्षीय जगमोहन सिंह की सुबह तबियत खराब होने पर ग्रामीण बीमार जगमोहन सिंह को डंडी कंडी के सहारे मुख्यमार्ग तक ला रहे थे इसी दौरान बीच रास्ते में बीमार व्यक्ति की जायदा तबियत खराब हो गई और किसी तरह ग्रामीण बीमार को लेकर बेस हॉस्पिटल कोटद्वार पहुंचे जहां पर डाक्टरों ने जगमोहन सिंह को मृत घोषित कर दिया,अगर इस गांव तक सड़क पहुंची तो आज जगमोहन सिंह जिंदा होता। आजादी के पहले से इस गांव के लोग सड़क की मांग करते आ रहे है उस समय इस गांव की आबादी हजारों में थी लेकिन आज सड़क नही होने के कारण लोग पलायन कर गए और जो गरीब तबके के लोग है वह पलायन नहीं कर सकते और सरकार की अनदेखी के कारण काल का ग्रास बनते जा रहे है। सरकार और विधायक की अनदेखी के चलते ना जाने अभी तक कितने जगमोहन सिंह जैसे बीमार व्यक्ति अपनी जान दे चुके है।
जगमोहन सिंह की मौत से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। सड़क नही बनने तक ग्रामीणों ने सभी तरह के चुनावो के बहिष्कार करने की बात कही है।