जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रहा है उच्च न्यायालय के आदेशों की घोर अवमानना

जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रहा है उच्च न्यायालय के आदेशों की घोर अवमानना
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कोटद्वार। जनपद पौड़ी तहसीलों में जाति प्रमाण पत्र बनाने में तहसील प्रशासन उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों का पालन नही कर रहा है। शांति बीए/प्रभाकर/एमए संगीत गायन झण्डी चौड़, ने जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि जनपद पौड़ी गढ़वाल के तहसीलों में तहसील प्रशासन उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल की आदेशों की घोर अवमानना कर रहा है। जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने आवेदकों से स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, सन 1985 से पूर्व का रिकार्ड, जाति-उपजाति का साक्ष्य आदि अभिलेख मांगे जा रहे है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय की रीट याचिकाओं में पारित आदेश दिनांक 17 अगस्त 2012 में निर्देश दिए गए थे जिसके पालन में प्रमुख सचिव समाजकल्याण उत्तराखंड शासन ने क्रम संख्या 06 में स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पूर्व स्थाई निवास प्रमाण पत्र या अन्य कोई प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक नहीं है इसी क्रम में क्रम संख्या साथ में स्पष्ट आदेश दिए गए हैं की जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की हेतु आवेदन करते समय आवेदक द्वारा शपथ पत्र दिया जाएगा। लेकिन जनपद पौड़ी गढ़वाल के तहसीलों में तहसीलदार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 17 अगस्त 2012 में दिए गए आदेशों के अनुसार इनसे शपथ पत्र नहीं लिया जा रहा है केवल बंदोबस्त खतौनी राशन कार्ड जाति जाति के साक्ष्य अभिलेख स्थाई निवास प्रमाण पत्र बिजली और पानी बिल आदि अभिलेख मांगे जा रहे हैं जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की घोर अवमानना हो रही है। जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए तहसीलदार पटवारियों को जांच रिपोर्ट आख्या देने की निर्देशित तो करते है लेकिन पटवारी स्थानीय पुछताज न करके बन्दोबस्त खतौनी के आधार पर जाति लिख रहे है जबकि यह कोई जाति आधार नही है और न ही भारत सरकार/राज्य सरकार/न्यायालयों में मान्यता प्राप्त है , यह केवल जमीन का अभिलेख है। शिकायतकर्ता ने बताया कि जाति की पहचान उसके गांव में की जाति है कि व्यक्ति का शादी विवाह आपसी संबन्ध किस जाति से है, वहीं उसकी जाति होती है लेकिन पटवारी इस आधार पर जांच नही करता। शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मांग की तत्काल प्रभाव से जनपद के समस्त उपजिलाधिकारीयो/तहसीलदारों को उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनिताल के आदेशों के पालन के लिए निर्देशित करें।

रिपोर्ट-योगेश चौहान

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Dalip Kashyap

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