रेंजर अजय ध्यानी के सामने खनन माफियो के होंसले हुए नस्त नाबूत।
कोटद्वार – लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के अंतर्गत मालन, सुखरो और खोह नदी खनन माफियाओं की भेंट चढ़ चुकी है। यहां तक कि इन खनन माफियाओं के हौंसले इतने मजबूत थे की वन विभाग के नाक के नीचे ही अवैध खनन को अंजाम दे रहे थे।
कोटद्वार में अवैध खनन को देखते हुए वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रभागीय वनाधिकारी और कोटद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी का स्थानांतरण कर दिया और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए तेज तर्रार प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी और कोटद्वार रेंज में वन क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी की नियुक्ति कर दी गई। एक महीने में रेंजर अजय ध्यानी ने अवैध खनन में संलिप्त 30 से जायेदा ट्रैक्टर और डंपर को पकड़ कर सीज कर दिया है। अजय ध्यानी की कार्यवाही से खनन माफियों के हाथ पांव फूले हुए है। रेंजर अजय ध्यानी कई बार बिना स्टाफ के भी फिल्ड में निकल जाते है। रेंजर की दबंग स्टाइल को देखकर खनन माफियो में भय का माहोल बना हुआ है। ऐसा कोटद्वार के इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी रेंजर का भय खनन माफियो में बना।
अभी तक तो हमेशा देखा जाता था की खनन माफियों पर कार्यवाही करना वन विभाग को महंगा पड़ता था अपनी जान को हथेली पर रखकर कार्यवाही करते नजर आते थे। कई बार खनन माफियों के द्वारा वन कर्मियो के ऊपर हमला किया जाता था जिसमे बामुस्किल वन कर्मी अपनी जान बचाकर आते थे। लेकिन वहीं रेंजर अजय ध्यानी का खनन माफियों में खोफ वन विभाग के लिए शुभ संकेत है। इसी तरह अपनी जिम्मेदारी के प्रति समर्पित सभी कर्मचारी हो जाए तो वह दिन दूर नही जब माफिया शब्द उत्तराखंड से मिट जायेगा।