घसियारी योजना पर बोले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, कहा- घास काटना अपमानजनक तो कोई दूसरा विकल्प भी दो

घसियारी योजना पर बोले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, कहा- घास काटना अपमानजनक तो कोई दूसरा विकल्प भी दो
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देहरादून। घसियारी योजना पर कांग्रेस के विरोध पर पार्टी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहमत नहीं हैं। किशोर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी लाखों की संख्या में हमारी माताएं और बहने जंगलों से घास लाती हैं। यदि किसी को यह काम अपमानजनक लगता हो वो ज्यादा बेहतर विकल्प भी तो बताए। कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में पशुओं के चारे का संकट है और इसीलिये बहुत से लोगों जिसमें लघु दुग्ध व्यवसायी भी हैं, उन्होंने पशु पालन का व्यवसाय छोड़ दिया है अपने पशुओं को बेच दिया है।
किशोर ने सवाल किया कि हम कब व्यवसाय को सम्मान देने की प्रवृति की ओर अग्रसर होंगे? क्या घास काटना अपराध है? जितनी प्रतिक्रियायें पक्ष व विपक्ष में देखी हैं, उनमें से शायद ही किसी ने घास काटी हो। या घास की पुली बांधी हो, घास का गडोला बांधा हो या उठाया हो? हमारी माँ, दादी और दादी की दादी सभी ने घास काटा है, वह भी जंगल से। आज भी जंगल से घास-लकड़ी लाते हुये उत्तराखंडियों को जंगली जानवर खा जा रहे हैं।
किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग घास काटने के काम को कमतर समझते हें, क्या वो कोई दूसरा ठोस विकल्प देंगे? या पर उपदेश कुशल बहुतेरे बनकर रह जाएंगे। मालूम पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल घसियारी योजना के नाम का विरोध कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी इसे पहाड़ की महिलाओं के लिए अपमानजनक बता गए हैं।हमारी बहनों को खुद को घसियारी कहने में कोई ग्लानि या अपमान का बोध नहीं होता। मैंने स्वयं घास काटी, घास लाया और “घस्यारा” कहने पर मुझे कभी कोई अपमान का बोध नहीं हुआ।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]

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