ओबीसी वर्ग की मूलजातियों को दिया जा रहा है एससी का फर्जी प्रमाण पत्र
कोटद्वार। पौड़ी गढ़वाल जनपद के अंतर्गत तहसीलों में लोहार सोनार बढ़ई ताम्रकार (टम्टा)आदि जातियों की मूल जातियों को छिपाकर शिल्पकार से फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र दिये जा रहे है। भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्याम लाल ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन उत्तराखंड की मूल जाति लोहार सोनार ताम्रकार बढ़ाई आदि जातियों को पिछड़ी जाति का प्रमाण न देकर उनकी मूल जाति को छिपाकर शिल्पकार से फर्जी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। शांति बीए प्रभाकर ने उत्तराखंड प्रशासन पर आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग की लोहार , सोनार वडई , ताम्रकार ( टम्टा ) इत्यादि जातियों को अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित शिल्पकार जाति के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारीकर रहा है , जबकि लोहार , सोनार , वढई , ताम्रकार ( टम्टा ) उत्तराखण्ड राज्य की अनुसूचित जातियों की सूची में सम्मिलित नहीं है । जिस पर अपर सचिव भारत सरकार ने प्रमुख सचिव , समाज कल्याण विभाग उत्तराखण्ड सरकार को अवगत करवाया कि उत्तराखण्ड की शिल्पकार जाति संविधान के अनुसूचित जातियों के अंतर्गत क्रम संख्या 64 पर अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है जिसके साथ किसी अन्य जाति का उल्लेख नहीं है । अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी करने एवं सत्यापित करने का कार्य संबन्धित राज्य सरकार संघ शासित क्षेत्र प्रशासन के कार्य क्षेत्र में आता है । जिस पर अपर सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारीता मंत्रालय भारत सरकार ने निर्देशित किया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी करते समय यह सुनिश्चित करे कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र अधिसूचित जाति को ही जारी किये जाए । जिसपर जनपद पौड़ी गढ़वाल के जिलाअधिकारी ने जनपद के अधीन समस्त उपजिलाधिकारीयों को आदेशों को पालन करते हुए लौहार, सोनार, बढ़ई, टम्टा, दर्जी आदि जातियों को पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
रिपोर्ट- योगेश चौहान