उत्तराखंड में 8 जून तक बढ़ा कर्फ्यू।
देहरादून। उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड कर्फ़्यू को चौथे चरण के लिए आगामी 8 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार के शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री शसुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश में कोविड कर्फ़्यू को 8 जून तक बढ़ाया दिया गया है।
शासकीय प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कई दिनों से कोविड का ग्राफ प्रदेश में कम हुआ है, लेकिन अपने स्तर से सरकार अपनी रणनीति के अनुसार आगे बढ़ रही है। प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा ही सरकार की प्राथमिकता है तथा सरकार नहीं चाहती है की कोई रिस्क लिया जाए।लिहाजा भविष्य में कोरोना आंकड़ों में कमी के साथ सरकार तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार कोविड में ढील दी जा सकेगी।
इसके साथ ही सरकार ने कुछ छूट भी प्रदान की है जो इस प्रकार है:-
हफ्ते में 2 दिन के लिये 1 जून और 5 जून को 8 बजे से 1 बजे तक परचून की दुकाने खुलेंगी।
1 एक दिन 1 जून को किताबो और स्टेशनरी की भी दुकानें खुलेंगी।
शेष व्यवस्था पूर्व की भांति यथावत रहेगी।
आवश्यक सेवाओं की दुकानें 7:00 से 10:00 के बजाए सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया है।
इन दुकानों में पूर्व की भाँति आवश्यक सेवाओं दूध, मीट मछली, फल, सब्जी की दुकानें खोली जा सकेगी।
राशन और किराने की दुकानों हेतु आम जनता को 28 मई को सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक खुलेगी।
आवश्यक वस्तुओं के क्रय हेतु आवाजाही में छूट रहेगी।
शादी समारोह में अधिकतम 20 लोगों अनुमति होगी और 72 घन्टे पूर्व RTPCR टेस्ट अनिवार्य होगा।
मरीज के तीमारदारों को आने जाने के लिये डॉक्टर की पर्ची ही कोविड कर्फ्यू मान्य होगा।
अंत्येष्ठि में शामिल लोगों को अनुमन्य 20 लोगो को कर्फ्यू पास अनिवार्य रूप से दिया जाएगा।
हेल्थ इमरजेंसी और परिजन मृत्य के मामले में e pass आवेदन पर दिया जाएगा।
बैक के अनुरोध पर बैंक अवधि 10 बजे से 2 बजे दिन कार्यविधि की गई।
यही व्यवस्था राज्य कर्मचारी वित्त संस्थान पर भी लागू होगी।
हरिद्वार अस्थि विसर्जन 4 व्यक्ति की अनुमन्यता है वाहन के 50% की क्षमता अनुमन्य होगी।
Up की सीमा से उत्तराखंड में आने जाने के लिए पास की अनिवार्यता तो नही होगी परन्तु पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
उधोगो के लिये मजजूरों की सुरक्षा और आवागमन के लिये अनिवार्यता के स्थान पर यथा सम्भव कर दिया गया है।