उत्तराखंड विकास पार्टी ने राज्य आन्दोलनकारी गिरीश तिवारी उर्फ गिर्दा की पुण्यतिथि पर की श्रद्धांजलि अर्पित
कोटद्वार : उत्तराखंड के महान संस्कृति कर्मी और राज्य आंदोलनकारी गिरीश तिवारी उर्फ गिर्दा की पुण्यतिथि पर उत्तराखंड विकास पार्टी ने गिर्दा को श्रद्धांजलि अर्पित की। गिर्दा का जन्म 09 सितंबर 1945 ज्योली हवालबाग गाँव, अल्मोड़ा में हुआ था। राज्य आन्दोलन को उनको गीतों ने नई धार दी । उनकी एक कविता आज के राजनैतिक हालात पर सटीक टिप्पणियाँ हैं ।
कैसे कह दूँ, इन सालों में,
कुछ भी नहीं घटा कुछ नहीं हुआ,
दो बार नाम बदला-अदला,
दो-दो सरकारें बदल गई
और चार मुख्यमंत्री झेले ।
“राजधानी” अब तक लटकी है,
कुछ पता नहीं “दीक्षित” का पर,
मानसिक सुई थी जहाँ रुकी,
गढ़-कुमूँ-पहाड़ी-मैदानी, इत्यादि-आदि,
वो सुई वहीं पर अटकी है ।
सच पूछो- उन भोली-भाली,
आँखों का सपना बिखर गया ।
यह राज्य बेचारा “दिल्ली-देहरा एक्सप्रेस”
बनकर ठहर गया है ।
जिसमें बैठे अधिकांश माफ़िया,
हैं या उनके प्यादे हैं,
बाहर से सब चिकने-चुपड़े,
भीतर नापाक इरादे हैं,
जो कल तक आँखें चुराते थे,
वो बने फिरे शहजादे हैं ।