तीन से पांच हजार रुपये प्रति माह में शराब माफियो को मिली हुई है मौन स्वीकृति।
कोटद्वार:- कोरोना महामारी ने निपटने के लिए प्रदेश सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत राजस्व की परवाह ना करते हुए प्रदेश को कोरोना महामारी से मुक्त कराने के लिए कड़ा रुख इख्तियार कर रही है।
सरकार को भारी भरकम राजस्व शराब से मिलता है लेकिन सरकार ने राजस्व की परवाह ना करते हुए शराब के ठेकों को बंद करने का आदेश दिया हुआ है जिसका शराब कारोबारी पालन भी करते नजर आ रहे है।
शराब की दुकानें बंद होने के बावजूद भी धड़ल्ले से कोटद्वार के हर गली मुहल्लों में अवैध शराब का कारोबार खूब फल फूल रहा है। कुछ शराब माफिया तो होम डिलीवरी भी करा रहे है। इस महामारी में जंहा एक और व्यापार पूरी तरह ठप हो चुका है वंही अब इस लोक डाउन में शराब माफियो को अवैध शराब के कारोबार में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है जो इस महामारी में भी आसमान छू रही है। दो गुने से तीन गुने अधिक दाम पर अवैध शराब बेची जा रही है।
जिस आबकारी और पुलिस की धमक के आगे जुर्म का एक भी पत्ता नही हिल सकता वंही कोटद्वार में इन जिम्मेदार महकमो के सामने खुलेआम अवैध शराब का कारोबार खूब फल फूल रहा है। लालपानी से लेकर झंडिचौड तक किसी और काम की आड़ में अवैध शराब के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। वंही अगर सूत्रों की माने तो इन शराब माफियो को जिम्मेदार महकमा के द्वारा 3 से 5 हजार रुपये प्रति माह पर मौन स्वीकृति दी गयी है,और साथ ही तीन महीने में एक मामला विभाग को भी देना होता है। जिससे वह क्षेत्र में अपनी सक्रियता दिखा सके। वंही कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के लिए शराब माफिया ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भूमिका निभा रहे है।