कालिंका मंदिर में शुक्ष्म रूप में हुआ मेले का आयोजन
पौड़ी:- पौड़ी जिले के थलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले प्रसिद्ध कालिंका मंदिर में आज कोरोना संकट के कारण स्थानीय लोगो की उपस्थिति में पूजा अर्चना की गई , ये मंदिर 2014 से पहले भारी पशु बलि के लिए विख्यात था, यहां पर माँ कलिंका को हजारों की संख्या में पशु बलि चढ़ाई जाती थी, मगर 2014 के बाद से यहां पर बली प्रथा को समाप्त कर दिया गया। मेला को राठ क्षेत्र के प्रसिद्ध बुखाल काली माता के नाम से पूरे देश में जाना जाता है, कलिंका माता मंदिर आस्था विश्वास और श्रद्धा का एक बड़ा केंद्र सदियों से रहा है,थलीसैंण ब्लॉक में आने वाले सभी गांवों के लोग इस कलिंका माता मंदिर में अपने-अपने देवी देवताओं के निशान(झंडे) को ढोल-दमोउ के साथ लेकर आते थे, मगर कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर समिति द्वारा पहले ही आयोजन को सूक्ष्म रूप से करने के आदेश दे दिए गए थे जिसके मद्देनजर आज कालिका का मंदिर में स्थानीय लोग ही मां देवी के दर्शन कर पाए। मंदिर समिति के सदस्य सुरेंद्र प्रशाद गोदियाल का कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण आयोजन को सुक्ष्म रूप में किया गया है मगर जब अगले वर्ष कोरोना समाप्त हो जाएगा तो एक बार फिर से इसका आयोजन भव्य रुप में किया जाएगा।