विपक्ष की आवाज दबाकर,गलत बिल किए पास
धनोल्टी: जौनपुर ब्लाक मुख्यालय थत्यूड पहुंचे कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि सुधार के नाम पर संसद में जिस तानाशाही तरीके से विपक्ष की आवाज दबाकर 3 बिल पास कराये वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है. यह तीनों बिल पूरी तरह से किसानो पर, गरीबों पर और मजदूरों पर चोट पहुंचाने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से देश के किसानो और कमजोर तबके को चोट पहुंचाने वाले इन बिलों का विरोध करती है.
पूरा देश भुगत भोगी है कि प्रधानमंत्री जी ने जब नोटबन्दी लागू की उसका नुकसान गरीब, छोटे किसान, छोटे व्यापारी को भुगतना पड़ा. गलत तरीके से GST लागू की उसका नुकसान छोटे व्यापारियों और छोटे राज्यों को भुगतना पड़ा. गलत तरीके से 4 घण्टे के नोटिस पर लॉक डाउन लागू किया बाकी व्यवस्थाओ की तरफ ध्यान नही दिया तो पूरा देश कोरोना की चपेट में आ गया। ठीक इसी तर्ज पर अब केंद्र सरकार ने कृषि सुधार के नाम पर वर्तमान संसद के सत्र में जो तीन बिल पास कराए है, यह तीनों बिल देश के छोटे किसानों की कमर तोड़ने वाले हैं। यह बिल खेत मजदूर पर, देश के किसान पर हमला है। इस कानून का फायदा अडानी अम्बानी जैसे उद्योगपति उठाएंगे। इन बिलो के कानून बनने और लागू हो के बाद देश की खेती बाड़ी पर बड़े अनाज व्यापारियों का धनपतियों का कब्जा हो जाएगा, किसान अपने खेत का मालिक नही रह जाएगा। कांट्रेक्ट फॉर्मिग के नाम पर किसान के खेतों पर उद्योग पतियों का कब्जा हो जाएगा और खेतों को लीज पर देने वाला किसान मालिक से मजदूर बन जायेगा, जो किसान अपने खेत मे स्वयं खेती करेगा, मण्डी व्यवस्था को इस कानून द्वारा पंगु बनाये जाने के कारण मण्डियों के बाहर अनाज व्यापारी बिना सरकारी हस्तछेप के किसानों की फसल को उधारी में औने-पौने दाम पर खरीदेगा.
इस किसान विरोधी कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को भी खत्म किया जा रहा है, परिणाम होगा कि किसान अब अनाज व्यापारी के रहमोकरम पर होगा। किसान की फसल को खुले बाजार में बेचने वाले इस क़ानून से देश मे 1965 में स्व0 इन्दिरागांधी जी द्वारा बनाये गए भारतीय ख़ाद्य निगम का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। अब तक किसानों की फसलों को न्यनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदने की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम की थी, लेकिन नए कानून में इस व्यवस्था को समाप्त करने के बाद जब अनाज की सरकारी खरीद बन्द होगी तो सरकारी सस्ता गला वितरण प्रणाली भी प्रभावित होगी। देश के 67 ℅ जनता जिसको सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अब तक सस्ता राशन मिल रहा है उनको भी सस्ता राशन मिल सकेगा यह क़ानून इस पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब तक आवश्यक आवश्यकता की सूची में शामिल आटा, चावल, दाल, तेल, प्याज आलू जैसी गरीब का पेट भरने वाले सस्ते राशन की वस्तुएं बाजार में अब सस्ते नही बल्कि बहुत महंगे दाम पर मिलेंगी। कुल मिलाकर इन तीन बिलो से किसान और गरीब को भारी नुकसान पहुँचने वाला है 2013 के खाद्य सुरक्षा कानून का उलंघन होने वाला है गरीब के बच्चे के पेट पर चोट पड़ने वाली है , इसलिए कांग्रेस पार्टी देश के किसानों के हितों की रक्षा और गरीब के हक की लड़ाई के लिए संघर्ष करेगी।
गरीबों, किसानों, बेरोजगारों और मजदूरों के हको की रक्षा की लड़ाई कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया जी व राहुल जी के मार्गदर्शन में कांग्रेस पार्टी संसद से लेकर सड़को पर लड़ेगी।
अंत में मुझे शायर – इरतजा निशांत का एक चर्चित शेर याद आ रहा है
ये कुर्सी है, तुम्हारा जनाजा तो नही, कुछ कर नही सकते तो उत्तर क्यों नही जाते।
यह शेर आज के हालात पर हिंदुस्तान की सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुक्मरानों के लिए एक बड़ा संदेश दे रहा है।
मतलब साफ है कि मेरे देश के हुक्मरानों अगर आप से सत्ता संभाली नही जा रही है, तो फिर क्यों देश को बरबाद करने पर तुले हो, कुर्सी छोड़ो, देश की जनता तय करेगी, देश का किसान तय करेगा, देश का नौजवान तय करेगा, देश की मातृशक्ति तय करेगी कि सत्ता की कुर्सी किसको सौपनी है , देश के वर्तमान शासक विगत 7 सालों से जिस तरह से लगातार गलत फैसले ले रहे है उसका फायदा चन्द पूंजीपतियों को जरूर मिला लेकिन देश की गरीब जनता को पिसना पड़ा, भुगतना पड़ा। प्रेसवार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रतन मणि भट्ट, वीरेंद्र रावत, दिनेश रावत, मनबीर नकोटी साथ रहे।