कोटद्वार विधानसभा में माफियो का बोलबाला,एक जीजा तो कई साला।

कोटद्वार विधानसभा में माफियो का बोलबाला,एक जीजा तो कई साला।
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कोटद्वार:- आज से चार वर्ष पूर्व कृषि के कारोबार से जुड़े कुछ ट्रेक्टर वाले फसलों की जुताई होने के बाद अपनी जीविका चलाने के लिए नदियों से रेत बजरी चोरी कर लोगो के सपनो का आशियाना बनाते थे। इन ट्रेक्टर वालो की संख्या ना के बराबर होती थी। लेकिन 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद माफियो ने रौद्र रूप धारण कर लिया जिसको जैसे मौका मिला प्रदेश की प्राकृतिक धरोहरों को रौंदता चला गया।
जनपद पौड़ी गढ़वाल की बात की जाए तो इस जनपद में सभी 6 विधायक भाजपा के है जिनमे से दो कद्दावर विधायक सरकार में मलाईदार महकमा संभाले हुए है।
वंही इन चार वर्षों में दोनों मुख्यमंत्री भी पौड़ी जनपद से ही रहे है। इसके बावजूद भी माफियो की पैनी नजर जनपद पौड़ी पर रही। सरकार की दरियादिली कहा जाए या माफियो की तगड़ी सांठ गांठ जो माफिया जनपद में तांडव का नंगा नाच कर रहे है।
इन चार वर्षों में जनपद में वन माफियो ने हमारी अमूल्य सम्पदा वनों पर आरी चलाकर जमकर चांदी काटी जो अभी लगातार चल रहा है।
अभी तक तो खनन माफिया मैदानी इलाकों में ही देखे जाते थे लेकिन भाजपा राज में खनन माफिया पहाड़ो में भी चढ़ गए स्टोन क्रेसर के माध्यम से अवैध खनन को अंजाम दे रहे है।

खासकर बात की जाए कोटद्वार विधानसभा की तो यंहा के विधायक शेर ए गढ़वाल कहे जाने वाले डॉo हरक सिंह रावत प्रदेश सरकार में वन विभाग सहित कई अहम मंत्रालय संभाले हुए है। वन मंत्री की विधानसभा क्षेत्र में इन चार वर्षों में माफियो की संख्या दर्जनों से बढ़कर हजारो में पँहुच गई। खासकर इन चार वर्षों में खनन माफियो का जबरदस्त बोलबाला रहा। कोटद्वार की जनता ने कभी सपने में भी नही सोचा होगा कि इस तरह से भी खनन होता है। दिन रात खनन का काला खेल कोटद्वार विधानसभा में चलता है। मालन नदी तट पर दो खनन भण्डारण बने हुए है । सूत्रों की माने तो इन भंडारण स्वामीयो में एक दबंग भूमाफिया और दूसरा दबंग शराब माफिया है। जिनकी प्रदेश और दूसरे राज्यो में तूती बोलती है। दिन दहाड़े जेसीबी मसीनो के माध्यम नदियों का सीना चीर कर आरबीएम को भण्डारणो में जमा किया जा रहा है। जब आरबीएम से भरे डंपर निकलते है तो वह चांदी बरसाते हुए चलते हैं जिसे पीछे से जिम्मेदारी अधिकारी और कर्मचारी बटोरते हुए आसानी से खनन के डम्परों को दूसरे राज्यो में भेजने की मौन स्वकृति प्रदान कर देते है।
कोटद्वार और भाबर को जोड़ने वाले दोनों पुल कोटद्वार की जनता के लिए मील का पत्थर है औऱ यह मील का पत्थर भी ना जाने कब खनन माफियो की भेंट चढ़ जाए। जिस तरह से अवैध खनन के मामले में क्षेत्रीय विधायक धृतराष्ट्र बने हुए है जो भाजपा के लिए शुभ संकेत नही है। या यूं कहा जाए कि विधायक हरक सिंह रावत चुनाव लड़ने के लिए दूसरी विधानसभा का चयन तो कर लेंगे लेकिन कोटद्वार विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी के लिए कांटो का सिंघासन छोड़ जाएंगे। मंत्री हरक सिंह रावत जी के लिए साढ़े चार साल तो स्वर्णिम रहे है लेकिन कोटद्वार ने इन साढ़े चार सालो में क्या खोया क्या पाया यह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]
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