श्रम बोर्ड से हरक सिंह रावत की विदाई
देहरादून: कैबिनट मंत्री हरक सिंह रावत को उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने के बाद सरकार ने पूरा बोर्ड भंग कर नया बोर्ड बना दिया है. बोर्ड से मंत्री के करीबी पांचों सदस्यों को भी हटा दिया गया है.हालांकि नए बोर्ड में दमयंती रावत को सचिव बनाए रखा है.नए बोर्ड गठन के आदेश में सचिव पद पर श्रम सचिव को जिम्मेदारी दी गई है.श्रम बोर्ड से कैबिनेट मंत्री को हटाए जाने के बाद तमाम तरह की चर्चाएं हो रही है विपक्ष भी इसको भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रहा है.कैबिनेट मंत्री को हटाने के क्या कारण रहे इसी पर चर्चा करेंगे।
राज्य सरकार ने मंगलवार को कर्मकार कल्याण बोर्ड से कैबिनट मंत्री हरक सिंह रावत को हटा दिया था.हरक सिंह रावत के हटते ही बोर्ड के बाकी सदस्यों की भी विदाई हो गई.हालांकि उनका तीन वर्ष का कार्यकाल रहा लेकिन सामान्य प्रक्रिया में एक्सटेंशन दिया जाता रहा है.इस बार बोर्ड के कामकाज को लेकर उठे तमाम विवादों और सवालों के बाद सदस्य और अध्यक्ष किसी को एक्सटेंशन नहीं मिला.लिहाजा राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही है हालांकि अभी सीएम या कैबिनेट मंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया है लेकिन भाजपा संगठन इसको सामान्य प्रक्रिया ही करार दे रही है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बोर्ड से हुई विदाई को लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर होते नजर आ रहे है.कैबिनेट मंत्री की बोर्ड से हुई विदाई के पीछे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कोई बड़ी वजह खोज रहे है.कांग्रेस ने तो राज्य सरकार पर सीधे सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए है.साथ ही कांग्रेस सीबीआई जांच की भी मांग कर रही है.वहीं आम आदमी पार्टी भी इस मामले को अनियमिताओं से जोड़कर देख रही है.आम आदमी पार्टी का कहना है कि सीएम ने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए ये निर्णय लिया है ऐसे में कोई वजह तो जरूर रही होगी और वजह आपसी टकराव हो सकता है या वजह अनियमितताएं भी हो सकती है।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। 2017 में कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनकी ताजपोशी को भी उनके रुतबे और सरकार में पैठ के रूप में देखा गया था। इसके बाद बोर्ड के सचिव पद के रूप में दमयंती की तैनाती भी उनके इसी रुतबे का परिणाम माना गया.हालांकि सियासी समझदारी के चलते अभी तक हरक सिंह रावत ने इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.फिलहाल कैबिनेट मंत्री गढ़वाल दौरे पर है और कयास लगाए जा रहे है कि हरक सिंह रावत के देहरादून आने पर इस मामले का एक और रुख खुलकर सामने आ सकता है।