देहरादून से वन सुरक्षा दल को आकर कोटद्वार में करनी पड़ रही है खनन सामग्री से भरे वाहनों पर कार्यवाही।
कोटद्वार:- लैंसडोन वन प्रभाग की कोडिया स्थित चेकपोस्ट पर बिना अभिवहन शुल्क(TF)दिए दूसरे राज्यों से खनन सामग्री सामग्री से भरे ट्रक,डंपर व ट्रेक्टर आसानी से कोटद्वार में प्रवेश कर रहे है जिनसे अभिवहन शुल्क वसूलने में लैंसडोन वन प्रभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। खनन माफिया किसी न किसी रूप में सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं जो कहीं न कहीं विभाग के कुछ कर्मचारियों की मौन स्वीकृति की ओर इसारा करते है।जिसमे दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में लायी जा रही खनन सामग्री का टीएफ ना देकर सरकार को राजस्व की हानि पंहुचा रहे है।
जिसको वन संरक्षक शिवालिक वृत राजीव धीमान ने गंभीरता से देखते हुए वन सुरक्षा दल शिवालिक वृत टीम का गठन किया। जिसमे आज शनिवार सुबह वन सुरक्षा दल शिवालिक वृत टीम जैसे ही कोडिया चेकपोस्ट पंहुची तो खनन माफियो में अफरा तफरी का माहौल बन गया। वहीं इस दौरान खनन सामग्री से भरे एक डंपर को वन सुरक्षा दल ने रोका तो वह बिना अभिवहन शुल्क दिए बगैर कोटद्वार में प्रवेश कर गया था।जिसमे वन सुरक्षा दल ने खनन सामग्री से भरे डंपर को लैंसडोन डिविजन के कर्मचारियों के सुपुर्द कर दिया जिसमे अब आगे की कार्यवाही लैंसडोन वन प्रभाग को करनी है।
वन सुरक्षा दल की कार्यवाही को देख लंबू, छोटू सहित अन्य खनन माफिया सक्रिय हो गए और उन्होंने अपने खनन सामग्री से भरे ट्रैक्टरों को कोटद्वार में प्रवेश नही करने दिया। जिससे वह वन सुरक्षा दल के हाथ नही लग सके।
जिस तरह से कोटद्वार में वन सुरक्षा दल को आकर खनन सामग्री भरे वाहनों पर कार्यवाही करनी पड़ रही है वह कहीं न कहीं वन विभाग की कोडिया स्थित चेक पोस्ट में तैनात कर्मचारियों पर सवालिया निशान खड़े करते है।
जबकि कोटद्वार रेंज में रेंजर रहते हुए अजय ध्यानी ने अपने 15माह के कार्यकाल के दौरान इसी कोडिया चेकपोस्ट से करीब चार लाख रुपए के अभिवहन शुल्क सहित अवैध खनन पर कार्यवाही करते हुए पचास लाख रुपए का राजस्व सरकार को दिया था। रेंजर अजय ध्यानी के ट्रांसफर के बाद लैंसडोन डिविजन के डीएफओ और कोटद्वार रेंज के नए रेंजर अवैध खनन को रोकने में नाकाम देखे जा रहे है।