राज्य निर्माण के 20साल बीत जाने के बाद भी राज्य आंदोनलकरियो की हो रही अनदेखी

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कोटद्वार: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को 22 साल की लंबी लड़ाई और त्याग,बलिदान,शहादत के बाद अलग राज्य के रूप में 09 नबम्बर 2000 को उत्तराखंड राज्य हांसिल हुआ। उत्तराखंड राज्य बने 20साल हो चुके है लेकिन आज भी राज्य आंदोलनकारीयो को उनका हक नही मिल सका है। पहले आंदोनकारी 22 सालों तक राज्य निर्माण के लिए लड़े और राज्य निर्माण के बाद 20 सालों से अपने हकों के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।

इन्ही राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की बदौलत आज राजनीतिक दल रोटियां सेंक रहे है लेकिन आंदोनलकरियो के त्याग,बलिदान, शहादत को भूल कर दरकिनार कर दिया गया है।
राज्य आंदोलनकारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को सदन में उठाना चाहते हैं। जिसमे आज उत्तराखंड राज्य निर्माण सैनानी मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र रावत सहित अन्य राज्य आन्दोलनकारियो ने चार सूत्रीय मांग पत्र कांग्रेस के पूर्व राज्यमंत्री जसवीर राणा के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को प्रेषित किया।
इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री जसवीर राणा ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि जिन लोगो ने इस प्रदेश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है उनको उपेक्षित नही रखा जाना चाहिए उनको सम्मान मिलना चाहिए।पूर्व राज्य मंत्री ने कांग्रेस के विधायकों से भी अनुरोध किया है कि राज्य आंदोनलकरियो की मांगों को सदन में उठाकर पूरा कराने में मदद करे।
राज्य निर्माण सैनानी मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र रावत कि मांग है कि राज्य आन्दोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत योग संरक्षण आरक्षण दिलवाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में एस0 एल ० पी ० दायर करने की मांग की गयी है। वर्तमान सत्र में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर फिर से विधेयक लाया जाए या सर्वोच्च न्यायालय में एस ० एल ० पी ० दायर की जाए जिससे आन्दोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सके।

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Dalip Kashyap

Editor in chief : Dalip kashyap ,Contact number : 9927389098, , Email : [email protected]
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