डॉक्टर ने शव देने के बदले मांगे एक लाख रुपये
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काशीपुर: धरती पर भगवान का दूसरा रूप डॉक्टर को कहा जाता है लेकिन निजी अस्पताल पैसों की हवस के चलते कहीं ना कहीं डॉक्टरों की छवि धूमिल होती जा रही है। अब अस्पताल लोगों के उपचार के बदले नहीं वल्कि एक बिजनेस के तौर पर तैयार होने लगे हैं।
11 दिन पूर्व हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की उपचार के दौरान एक निजी हॉस्पिटल में मौत हो गई है ।परिजन अस्पताल प्रशासन पर तथा डॉक्टर पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर देकर कार्यवाही की गुहार लगाई है।
बता दें कि ग्राम कुंडेश्वरी दोहरी वकील निवासी बलजीत सिंह पुत्र सूरत सिंह ने कोतवाली में बाइक चालक के खिलाफ तथा अस्पताल प्रशासन के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए तहरीर सौंप कर कार्यवाही की गुहार लगाई है तहरीर में उसने बताया है कि 21 अगस्त 2020 की दोपहर करीब 2:00 बजे उसके भाई को बाइक सवार ने टक्कर मार दी थी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था घायल को उपचार के लिए मानपुर रोड स्थित उजाला हॉस्पिटल में भर्ती कराया था जहां पर उसका उपचार चल रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि उजाला हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर सुशील ने उसके भाई का इलाज किया इस दौरान उन्होंने मेरे भाई के सिर के ऑपरेशन करने के लिए बोला उसने यह भी बताया कि उसके एक सादा कागज पर अस्पताल द्वारा साइन भी करा दिए गए उसने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए बताया कि डॉक्टर ने उसके भाई के सिर का ऑपरेशन गलत कर दिया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई डॉक्टर ने उनसे गलत ऑपरेशन के बारे में छुपाया था। बताया कि उसके भाई को आईसीयू वेंटीलेटर पर रख दिया गया था पूछने पर वह हमें आश्वासन देते थे कि तुम्हारा भाई ठीक है उसने बताया कि जब उसने डॉक्टर से अपने भाई को अन्य जगह पर रेफर कराने की बात कही तो कुछ ही देर के बाद डॉक्टर ने उसे बताया कि उसके भाई की मृत्यु हो चुकी है। जबकि उसके भाई की मृत्यु काफी समय पहले ही हो चुकी थी डॉक्टर उसके भाई को वनटीलेटर पर डालकर मशीनों से जीवित दिखा मुंह मांगा पैसा वसूल रहे थे। उसने कहा कि हमें अस्पताल की नियत पर संदेह इस बात से पक्का होता है। कि मेरे भाई को मृत घोषित करने के बाद भी उसका शव हमें नहीं दिया गया तथा पुलिस को हमें बिना बताए बुला लिया गया पुलिस जबरदस्ती मेरे भाई का शव पोस्टमार्टम के लिए ले गई अस्पताल प्रशासन ने भाई के मृत शरीर को देने के बदले एक लाख रुपये मांग रहा था। उसने यह भी बताया कि इलाज के दौरान उनके द्वारा अस्पताल में चार लाख रुपये जमा करा दिए गए हैं और डॉक्टर शव देने के बदले एक लाख रुपये और जमा करने की बात कह रहे थे पुलिस जांच में जुटी है।
मामले की जानकारी जब काशीपुर के सीओ सिटी मनोज ठाकुर से ली गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उजाला हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत पत्र हमें प्राप्त हुआ जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.