निर्धन असहाय लोगो के साथ मनाई दीपावली
रिपोर्ट-योगेश चौहान
कोटद्वार:- दीपो के पर्व दीपावली में लोग महंगी खरीदारी करके अपनी खुशियों में चार चांद लगाते है। लेकिन वंही कुछ लोग ऐसे भी है जो दूसरों को खुश करकर खुद भी खुश हो जाते हैं। अभी तक आप लोगो ने चुनाव के समय ही इस तरह के कृत्य देखे होंगे। लेकिन कोटद्वार भाबर का एक सख्स ऐसा भी जो अपनी खुशियों में गरीब,असाए लोगो को शामिल करता है और उनको खुश देखकर खुद भी खुश रहता है। अखबार और टीवी चैनलों में अपने को दिखाने के लिए समाज सेवा का ढोंग रचकर अस्पताल में मरीजो को दो चार किलो फल वितरण कर समाज सेवा का प्रमाण पत्र हांसिल कर लेते है। लेकिन वंही समाचार27 के संवाददाता योगेश चौहान ने गुमनामी के अंधेरे में मददगार को देखा तो खबर छापने से अपने रोक नही पाया।
जी हां हम बात कर रहे है नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत झंडी चौड़ के असली समाजसेवी हरीश चन्द्र की राजा हरीश चंद्र की कहानियां अक्सर किताबो में ही पड़ी जाती है लेकिन हकीकत में राजा हरीश चंद्र के नाम की परिभाषा झंडिचौड़ के हरीश चंद्र ने साबित की जो स्वयं निर्धन परिवार से है और ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से पीआरडी में अपनी सेवाएं दे रहा है। लेकिन जब भी हरीश चन्द्र को समय मिलता है तो वह बीमार,गरीब व असाए लोगो के बीच जाकर उनका हाल चाल जानते हैं और अपनी क्षमता के अनुरूप अपने मदद के हाथ आगे बढ़ाते हैं।
इसी क्रम में आज हरीश चंद्र दीवाली का पर्व मनाने के लिए बीमार और निर्धन परिवारों के बीच पँहुचे। जिसमे हरीश चन्द्र ने जरूरतमंदों को मिष्ठान,फल तथा दीपक दान कर समाज के असहाय व निर्धन लोगों को दीपावली की खुशियां प्रदान करने का एक अच्छा कार्य किया। समाजसेवी हरीश चन्द्र ने झंडीचौड़ उतरी और झंडिचौड़ पश्चिमी में लगभग 50 निर्धन परिवारों को मिष्ठान वितरण किया। हरीश चन्द्र ने कहा कि दीपावली का पर्व खुशियां बांटने तथा प्रकाश का प्रमुख होता है समाज के प्रत्येक वर्ग तक यह खुशियां पहुंचे। तथा धनाभाव के चलते कोई भी भूखा ना रहे साथ ही प्रकाश के पर्व पर जितना ज्यादा प्रकाश फैलाने का प्रयास हो उतना ही इन त्योहारों की सार्थकता सिद्ध होती है। ऐसे पर्व पर समाज के सक्षम तथा संपन्न लोगों का दायित्व बनता है। लेकिन ऐसे समय मे सक्षम और सम्पन लोगो में ज्यादा दरिद्रता देखी जाती है।
समाजसेवी हरीश चंद्र ने बताया कि वार्ड 37 झंडी चौड़ पश्चिमी में एक महिला अपने विकलांग बच्चों के साथ गरीबी के दिन काट रहे है,जब वह उनके घर गए तो घर में अंधेरा छाया हुआ था बच्चे अंधेरे झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे हैं। उनको बड़ी पीड़ा हुई की दीपावली के पर्व पर हर घरों में जगमगाहट है वही वार्ड 37 झंडी चौड़ पश्चिमी का यहाँ परिवार मूलभूत सुविधाओं से दूर अंधेरे में एक झोपड़ी में अपने विकलांग बच्चों के साथ अपना जीवन बसर कर रही है। इस पर उन्होंने वहां पहुंचकर उनके घर को दीप जलाकर रोशन किया साथ ही उनको दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए मिष्ठान वितरण किया।
शासन प्रशासन की कागजी दरियादिली गरीब लोगों से खोसो दूरी बनाए हुए है। यह महिला के घर मे बिजली तो दूर की बात एक सौरऊर्जा की लाइट तक नही है। जिसमे हरीश चंद्र ने महिला को विश्वास दिलाया कि अगर प्रशासन की तरह से सौर ऊर्जा की लाइट नही लगती है तो वह प्रत्येक महीने अपनी सैलरी ने से कुछ रुपये जमा करेंगे और कुछ ही महीनों में सौर ऊर्जा की लाइट को खरीदने के लिए पैसा इकट्ठा कर लेंगे जिससे महिला अपने विकलांग बच्चों के साथ उजाले में रह सके।
कई जनप्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े वादे किए थे की गरीब और असहाय लोगो की सुध ली जाएगी लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद वायदे भी धराशाही हो गए।लेकिन जब धरातल पर देखो तो जनप्रतिनिधियों का झूठ का पुलिंदा बिखरा हुआ मिलता है।
हरीश चन्द्र ने सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देते हुए जनप्रतिनिधियों से अपील भी की कि वह अपने क्षेत्र की असहाय जनता के प्रति भी संवेदनशील हो।