गढ़वाली बोली भाषा को बचाने का दीपक देव सागर कर रहे है प्रयास।
कोटद्वार:– गढ़वाली बोली भाषा को जीवित रखने के लिए दीपक देव सागर अपने स्तर से भ्रसक प्रयास कर रहे है। दीपक देव सागर गढ़वाली कलाकार है जो गढ़वाली फिल्म,कॉमेडी और गानों के माध्यम से गढ़वाली भाषा को जीवित रखे हुए है।
दीपक देव सागर ने बताया की राणा कैसेट कंपनी की एक ओर धमाकेदार प्रस्तुति “उलर्या बिंदी” बहुत जल्द यूट्यूब चैनल राणा कंपनी पर देखने को मिलेगी। इस गाने की शूटिंग लैंसडाउन की हसीन वादियों सहित कर्णवाश्रम और चरेकडांडा मे फिल्माया गया है। निर्माता – इंद्रजीत राणा, म्यूजिक डायरेक्टर – शैलेंद्र शालू, गायक – धनराज व अंजलि रमोला नेगी,डायरेक्टर – दीपक देव सागर,कैमरामैन – फैसल सैफी, कोरियोग्राफर – अक्की राजपूत, मुख्य भूमिका में विवेक केष्टवाल और ईशा जखमोला, मेकअप आर्टिस्ट – रितु ध्यानी है।साथ ही दीपक देव सागर उत्तराखंड की जनता से अपील करते हुए कहा की हम इन गढ़वाली गानों के माध्यम से व उत्तराखंडी फिल्म गाने और कॉमेडी के माध्यम से अपनी बोली भाषा और संस्कृति रीति रिवाज पुरानी गाथाओं को जीवित रखने का प्रयास कर रहे है। उत्तराखंडी बोली भाषा लुप्त होने के कगार में है सर्वे के अनुसार 2030 के बाद उत्तराखंड में भी उत्तराखंडी भाषा विलुप्त हो जाएगी हम लोग उत्तराखंडी गाने व फिल्मों के माध्यम से अपनी बोली भाषा अपने संस्कृति को बचाने व बढ़ावा देने के लिए तत्पर तैयार हैं और उत्तराखंड की जनता से भी यही अपील करते हैं की अपनी बोली भाषा और अपनी संस्कृति के बारे में अपने बच्चों को बताएं उत्तराखंड की स्कूलों में भी एक सब्जेक्ट उत्तराखंडी बोली भाषा का भी होना चाहिए और जब भी स्कूलों में कोई भी इवेंट होता है उसमें उत्तराखंड की पौराणिक गाथाओं पर आधारित प्रोग्राम करवाया जाए जिससे कि हमारे उत्तराखंड की बोली भाषा व उत्तराखंडी संस्कृति जीवित रह सके मेरी सब उत्तराखंडियों से यही अपील है कि अपने बच्चों को अपनी बोली भाषा वह अपने संस्कृति के बारे में बताएं।