यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में उद्योगों को डेढ़ रुपए प्रति यूनिट महंगी मिल रही बिजली,कई स्टील प्लांट हुए बंद।
कोटद्वार:–कोटद्वार के जसोधरपुर स्थित इंडस्ट्री एरिया में प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते सरिया और सलेख की कई स्टील फैक्ट्रियां बंद हो चुकी है और कई फैक्ट्रियां सिंगल सिफ्ट में चल रही है अगर सरकार बिजली दामों में डेढ़ रुपए प्रति यूनिट कम नहीं करती है तो संभावना है की आने वाले कुछ ही दिनों में सभी फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी।
उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में बिजली बिल में 50पैसे यूनिट जायदा और विद्युत उत्पादन में एक्स्ट्रा चार्ज के रूप में 1रुपए यूनिट लिया जा रहा है। बिजली बिल में डेढ़ रुपए यूनिट अतिरिक्त बोझ के कारण उद्योग स्वामी उत्तराखंड में उद्योग बंद करते जा रहे है।प्रदेश हितो को ध्यान में रखते हुए सरकार को विद्युत बिलों में डेढ़ रुपए प्रति यूनिट की छूट देनी चाहिए जिससे उद्योग उत्तराखंड में संचालित होते रहे और अन्य उद्योग भी उत्तराखंड की ओर रुख करेंगे।
अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों की सुध नहीं ले रही है। जिस कारण उद्योगों को उत्तराखंड में चलाने में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण उत्तराखंड में उद्योग बंद होते जा रहे है कोटद्वार,हरिद्वार काशीपुर में कई स्टील फैक्ट्रियां बंद हो गई है। प्रदेश सरकार विद्युत दरो में डेढ़ रुपए की छूट नहीं करती है तो आने वाले दिनों सभी स्टील फैक्ट्रियों समेत अन्य उद्योग भी बंद हो जाएंगे।
जब उत्तराखंड प्रदेश अलग नहीं हुआ था तो उस समय भी यहां विद्युत बिलों में 33प्रतिशत की छूट मिलती थी और उस समय प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी बाजपेई जी ने सेंट्रल एक्साइज में 10साल की छूट दी थी जिससे यहां उद्योगों का डेवलपमेंट हुआ लेकिन अब वह सारी छूटे समाप्त हो गई है। लेकिन अब वर्तमान स्थिति में यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में बिजली रेट 50 पैसे जायदा हो गए है जिससे कोटद्वार में कई स्टील फैक्ट्रियां बंद हो गई है। हम इसके संदर्भ में ऊर्जा सचिव,वित्त सचित और मुख्यमंत्री से भी मिले लेकिन इनके द्वारा उद्योगों को कोई राहत नहीं दी गई हमें लगता है की सरकार ही नही चाहती की उत्तराखंड में उद्योग चले।
यहां सरकार विद्युत उत्पादन पर भी एक रुपए एक्स्ट्रा चार्ज ले रही है जबकि केंद्र सरकार इन्हें दो बार कह चुकी है की यह असंवैधानिक है विद्युत उत्पादन पर एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए। अगर सरकार यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में डेढ़ रुपए यूनिट कम नहीं करती है तो तीन चार महीनों में ही उत्तराखंड में स्टील फैक्ट्री बंद हो जाएगी और धीरे धीरे उत्तराखंड में अन्य उद्योग बंद हो जाएंगे। इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।