किसान बिल किसानों के हित मे- हरक सिंह रावत
कोटद्वार। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने केन्द्र सरकार के द्वारा पारित किसान बिल को किसानों के हित में बताते हुए कहा कि इस बिल के पारित हो जाने से किसानों की जिन्दगी में खुशहाली आयेगी तथा किसानों की आय कई गुना बढ़ जायेगी।
पनियाली स्थित वन विभाग के अपने निजी आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार के द्वारा पारित किसान बिल पूरी तरह से किसानों के हित में है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में किसानों के द्वारा चलाया जा रहा आन्दोलन बेबुनियाद है, जबकि केन्द्र सरकार के द्वारा किसानों की भ्रांतियों को लेकर कई बार की वार्ता किसान संगठनों से कर दी गयी है। उन्होंने कहा है कि किसानों के आन्दोलन को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लगातार किसानों के हितों की रक्षा के लिए कानून बना रही है। जिसमें केन्द्र सरकार ने 95989 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाल दिये हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि जिस किसान बिल को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है उसमें किसी भी प्रकार से मंडियों को समाप्त नहीं किया जा रहा है। कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की उपज की बिक्री के लिए नये बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है जिससे किसान को अपनी फसल को बेचने के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध हो सकेगा। कहा कि पराली जलाने के मामले में भी केन्द्र सरकार किसानों को राहत देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा है कि नये किसान बिल के पारित हो जाने से किसानों के ऊपर लगी पाबंदियों को हटाना तथा उन्हें विपणन के पुराने विकल्प को चालू रखते हुए नये विकल्प उपलब्ध कराना है जिससे उन्हें उपज का अधिक दाम मिल सके। इसके अलावा उन्हेंं अपनी फसल किसी को कहीं भी और किसी भी समय बेचने की आजादी और भुगतान भी निश्चित समय में प्राप्त करने का अधिकार होगा। साथ ही अंतर राज्य एवं राज्य के भीतर बाधा मुक्त व्यापार हेतु इको सिस्टम उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इलैक्ट्रॉनिक व्यापार हेतु सुविधाजनक ढांचा भी तैयार कराया गया है। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा व्यापारियों के इलैक्ट्रॉनिक पंजीकरण, व्यापारिक लेन-देन की आचार संहिताएं एवं भुगतान की प्रक्रिया निर्धारित करने का भी प्रावधान है। साथ ही बाजार सतर्कता एवं मूल्य प्रसार प्लेटफार्म स्थापित किया जायेगा ताकि किसानों को कृषि उपज के मूल्य के संबंध में सूचनाएं प्राप्त हो सके। यही नहीं किसानों के लिए एक सुलभ और सरल विवाद समाधान तंत्र की व्यवस्था की गयी है जिसके अंतर्गत उल्लंघन होने पर व्यापारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के चार वर्ष के क्रियान्वयन के दौरान किसानों से 23 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 7.2 करोड़ आवेदकों को लाभान्वित किया गया है। इस अवधि में किसानों द्वारा 17450 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया, जिसके विरूद्ध 87000 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया है। कृषि ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर वर्ष 2019-20 में 13.73 लाख करोड़ रुपए हो गया है तथा आने वाले वर्ष के लिए 15 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को उनकी मर्जी के मुताबिक फसलों के विक्रय हेतु वर्तमान मंडियों की व्यवस्था लागू रखते हुए नये विकल्प मिल सकें जिससे फसलों का ज्यादा दाम मिल सके एवं उच्च मूल्य की नई किस्म की फसलों को उगाने हेतु बाजार उपलब्ध हो सकें। जैसे अन्य उत्पादकों को अपने उत्पाद को बेचने का अधिकार है वैसा ही अधिकार किसानों को भी प्राप्त हो सके।