गरीब असहाय लोगो पर चला न्यायालय का डंडा
रिपोर्ट-योगेश चौहान
कोटद्वार/भाबर: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नम्बर 37 के प्रेमनगर बस्ती में श्रेणी चार की जमीन में कई वर्षों से झुग्गी झोपड़ी में निवास कर रहे लोगो पर प्रशासन का बेदखली का डंडा चल गया। प्रेमनगर की बस्ती में 32 परिवार कई सालों से निवास करते आ रहे है। जिसमे कोर्ट के आदेश पर चार परिवारों के लिए बेदखली के आदेश जारी कर दिए गए।कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए प्रशासन की टीम ने प्रेमनगर में पँहुच कर जैसे ही चार परिवारों को बेदख़ल कर झोपड़ियों को तोड़ना सुरु किया तो निवास कर रहे ग्रामीण आग बबूला हो गए। प्रशासन की कार्यवाही को देखते हुए ग्रामीणों का विरोध इस कदर बढ़ गया की एक महिला ने गेस सिलेंडर से स्वयं पर आग लगाने का प्रयास किया जिससे प्रशासन की कार्यवाही और ग्रामीणों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को बेदखली की कार्यवाही रोकनी पड़ी।
पीड़ित व्यक्ति रमेश सिंह और लक्ष्मी देवी का कहना है कि हम कई सालों से निवास करते आ रहे है हमे सरकार की तरफ से बिजली पानी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है लेकिन अब कोर्ट हमे बेदखल कर हम गरीबो पर अन्याय कर रहे है।जंहा एक ओर सरकार कोरोना बीमारी में घर से बाहर निकलने के लिए मना कर रहे है वहीं प्रशासन इस न्यायालय के आदेश के बात कहकर हमारे घरों को तोड़कर हमे बाहर निकाला जा रहा है।
साथ ही पीड़ित परिवारों का यह भी कहना है कि यह कार्यवाही प्रशासन के द्वारा भूमाफियों के दबाव में की जा रही है। आसपास सारी सरकारी भूमियों पर इन भूमाफियों ने कब्जा कर रखा है।लेकिन प्रशासन के द्वारा उन कार्यवाही करने के बजाय उनके इसारे पर हमको बेदखल कर रहे है। जिससे आसानी से भूमाफिया हमारी झुग्गी झोपड़ी वाली जमीनों पर भी कब्जा ले।M
वही स्थानीय पार्षद सुखपाल शाह ने सरकार पर आरोप लगाए हुए कहा कि कोटद्वार में सरकारी जमीनों पर भूमाफियों के द्वारा लगातार कब्जा किया जा रहा है और रातों रात बहुमंजिला इमारते खड़ी कर दी जा रही है। जिसकी शिकायते प्रशासन से कई की जा चुकी है। लेकिन शाशन प्रशासन इन भूमाफियों के आगे नतमस्तक है। न्यायालय का डंडा भी गरीब और बेघर लोगो पर ही चल रहा है। झुग्गी झोपड़ियों में रह कर यंहा के लोगो ने कई साल निकाल दिए। लेकिन सरकार की और से इन मजलूम लोगो को पक्के आवास देने के बजाए इनकी झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी जा रही है।
पीड़ित परिवारों के विरोध को देखते हुए स्वयं तहसीलदार विकास अवस्थी ने मौके पर पँहुच कर बेदखली की कार्यवाही को रोकते हुए जिन चार परिवारों को बेदखल करने के आदेश न्यायालय से हुए है उन्हें पांच अक्टूबर तक का समय दिया है अगर इस दौरान ये कोर्ट से स्टे ले आते है तो बेदखली की कार्यवाही को रोका जा सकता है। नही तो पांच तारीख के बाद इनको बेदख़ल किया जाएगा