वाह रै सिस्टम पूरी तरह पलायन कर चुके गांव तक पहुंचाई जा रही है सड़क, वहीं घनी आबादी वाले इस गांव तक सड़क पहुंचाने में धामी सरकार नाकाम।
कोटद्वार/यमकेश्वर:–पलायन रोकने के लिए सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है और जहां सूरज की किरणे नही पहुंच पा रही है वहां धामी सरकार की विकास योजनाएं पहुंच रही है। लेकिन पलायन रोकने के लिए सरकार के द्वारा सड़क ऐसे गांव तक पहुंचाई गई है जो पूरी तरह भूतिया बन चुका है और अधिकतर घर खंडहरों में तब्दील हो चुके है।
जी हां हम बात कर रहे है यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के झवाणासार गांव की इस गांव के लिए सड़क आमसौड़ से जाती है जो अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुई है। आमसौड़ से झवाणासार तक लगभग चार किलोमीटर सड़क सरकार के द्वारा पहुंचाई तो गई है लेकिन इस सड़क का लाभ लेने के लिए गांव में कोई नहीं है,गांव पूरी तरह खाली हो चुका है। या यूं कहे की सरकारी धन को धन को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से बिना मानकों के इस सड़क की कटिंग की गई है जो सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते है।
वहीं इसी झवाणासार गांव के सामने दूसरी पहाड़ी की चोटी पर लगभगसाढ़े तीन सौ की आबादी वाला झवाणा गांव स्थित है। इस झवाणा गांव में पहले आबादी हजारों की संख्या में थी लेकिन सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं होने के कारण यहां के लोग पलायन कर गए। आजादी के 76 वर्ष बाद भी यह गांव सड़क से वंचित है।
स्थानीय निवासी गणेश जुयाल ने कहा कि विधायक, नेता चुनाव के समय हम गांव के लोगो को बहला फुसलाकर आमसौड़ में सड़क सम्बन्धित मीटिंग के बहाने बुलाते है। और अपनी पार्टी की उपलंधिया गिनाते है जिसे हम सच मानकर वोट दे देते है और चुनाव जीतने के बाद विधायक ,मंत्री फिर हमे उपेक्षित छोड़ देते है। गांव के भोलेभाले लोगो को आश्वासन देकर जाते है की जल्दी ही इस गांव में सड़क पहुंचेगी और पूरे पांच सालो तक विधायको का हर कार्यक्रम में आमसौड़ से झवाणा गांव तक सड़क पास करनें के लिए घोषणाओं का दौर चलता रहता है। कई बार पीडब्ल्यूडी के द्वारा सड़क का सर्वे हो चुका है और भूवैज्ञानिक भी जांच कर चुके है लेकिन धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। हमे तो यह लगता है सड़क का फर्जी सर्वे कराकर हमे केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं स्थानीय निवासी रामचंद्र जुयाल ने बताया कि इस आबादी वाले झवाणा गांव तह सड़क नही पहुंच पा रही है लेकिन आबादी शून्य वाले झवाणासार गांव तक सरकार के द्वारा सड़क पहुंचाई गई है जो गांव भूतिया बन चुका है। आखिरकार सरकार के द्वारा किस मकसद से इस झवाणासार गांव तक करोड़ों रुपए खर्च कर सड़क पहुंचाई गई है जहां के मकान खंडहर बन चुके है।
हम सरकार से मांग करते है की जब उनके द्वारा आबादी शून्य गांव तक सड़क पहुंचाई गई है तो वहीं हमारे भारी आबादी वाले झवाणा गांव तक सड़क क्यों नहीं पंहुचाई जा रही है। देश आजाद के पहले से हम लोग गांव तक सड़क की मांग करते आ रहे है लेकिन आज तक सरकार ने हमारी तरफ आंखे मूंदी हुई है।
धामी सरकार एक तो पलायन रोकने के बात करती है लेकिन जो लोग पलायन नहीं करना चाहते है उनको सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रखा गया है।
अब हम समस्त गांव की मांग है की जब तक सड़क नही बनेगी तक किसी भी तरह का मतदान नही किया जाएगा और अब समस्त झवाणा गांव निवासी प्रदेशस्तर पर जल्दी ही सड़क की मांग को लेकर आंदोलन करने जा रहे है।