विकास के मुद्दो को लेकर बाजार बंद व चक्काजाम का पूर्व मंत्री ने किया समर्थन।
कोटद्वार:– कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति द्वारा बाजार बंद चक्काजाम का पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी समर्थन किया है। जिसमे पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि कोटद्वार की भारी उपेक्षा किए जाने पर शासन / प्रशासन का ध्यान आकर्षित किए जाने के लिए समाज के प्रबुद्ध एवं जागरूक लोगों द्वारा मजबूरी में लिए गए कठोर निर्णय की मूल भावनाओं का समर्थन करता हूँ।
यूँ तो बाजार बंद एवं चक्का जाम कराने का मैं कभी भी पक्षधर नहीं रहा हूं किंतु कदाचित् कोटद्वार के जनमानस की भारी उपेक्षा की हदों को पार होते देख समाज के जागरूक लोगों ने यह कठोर निर्णय कोटद्वार की हो रही भारी उपेक्षा के विरोध एवं समाज हित में लिया होगा। हर नागरिक का अधिकार भी है कि जब क्षेत्र की उपेक्षा चरम पर हो तो सामाजिक सरोकारों से जुड़े मनीषियों को जनता के हित में एवं उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए आगे आना पड़ता है। कोटद्वार जिसमें प्रगति की असीम संभावनाएं हैं जिसके माध्यम से कोटद्वार ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जनपद पौड़ी व गढ़वाल के लोगों को लाभान्वित करने की क्षमता है। कोटद्वार की हो रही दूर्दशा व बर्बादी को देख कर कोई भी नागरिक कैसे खामोश रह सकता है।
मैं आयोजकों की मोंगों सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण रोका जाना, (कोटद्वार मेडिकल कॉलेज यदि बन गया होता तो कोरोना व अब डेंगू के उपचार कोटद्वार में ही हो जाते और किसी भी मरीज को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती और न ही जान गवांनी पड़ती) भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में भव्य पर्यटक स्थल के निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत धनराशि – 20 करोड़, पर रोक लगाना तथा टाइगर सफारी के निर्माण को उलझाए जाने से कोटद्वार, उत्तराखंड के हजारों – हजार के रोजगार के अवसरों को छीन लिया जाना तथा केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति के बावजूद न बन पाना। लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग एवं कोटद्वार – कालागढ रामनगर मोटर मार्ग के निर्माण कराए जाने के बजाय बुरी तरह उलझा कर रोक दिया जाना, सरकार की गलत खनन नीति के चलते कोटद्वार की नदियों पर बने पुलों का टूट जाना एवं शेष सभी पुलों के खतरे में आ जाने सड़कों की बदहाली व सिंचाई नहरों-गूलों की अव्यवस्था व कई परिवारों के घर से बेघर हो जाने पर उन्हें सड़कों पर ला खड़ा कर दिया जाना प्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है कि कोटद्वार की उपेक्षा ही नहीं बल्कि बदहाल स्थिति में छोड़े जाने से कोटद्वार को बरसों बरसों पीछे धकेलने का कार्य – किया जा रहा है।
मैं कोटद्वार के सम्मानित, प्रबुद्ध एवं जागरूक लोगों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने कोटद्वार को बचाने व कोटद्वार के वैभव को लौटाने के लिए यह साहसिक कदम उठाया है और शासन प्रशासन को इस मुहिम से चेताने का श्री प्रयास किया।
मैं आयोजकों की इस मुहिम के पीछे कोटद्वार की हो रही भारी उपेक्षाओं की मूल भावनाओं का समर्थन करता हूं तथा कोटद्वार के सभी नागरिकों से भी अपील करता हूँ कि कोटद्वार की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाने में सहयोग करें।
उत्तराखंड सरकार से पुरजोर मांग करता हूं कि कोटद्वार की हो रही भारी उपेक्षा को शीघ्र से शीघ्र बंद किया जाए तथा आयोजकों द्वारा की जा रही माँगों सहित पूर्व में स्वीकृत योजानाओं पर शीघ्र निर्माण करवा कर कोटद्वार की प्रगति में सहयोग करें तथा कोटद्वार के वैभव को लौटाने में भी सहयोग प्रदान करें।