ग्रामीणों ने लगाया उपेक्षा का आरोप,पलायन की मजबूर।
कोटद्वार:- उत्तराखंड बने हुए भले ही 22साल बीत चुके है लेकिन आज भी कई गांव ऐसे है जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उत्तर प्रदेश के शासनकाल से दुगड़डा ब्लॉक के झवांणा,क्वीरिखाल,सिद्धपुर सहित अन्य गांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओ से वंचित है। इन गावों की आबादी लगभग एक हजार से अधिक है और इन गावों के ग्रामीण आमसोड से झवांणा तक पांच किलोमीटर सड़क निर्माण की मांग करते आ रहे है। ऐसा नहीं है की इन ग्रामीणों की यह कोई नई मांग है जो सरकार और विधायको के संज्ञान में ना हो। विधायको और मंत्रियों के द्वारा इन उपेक्षित ग्रामीणों को अस्वासन का लोलिपॉप थमा दिया जाता है और कुछ समय बाद खानापूर्ति के लिए लोकनिर्माण विभाग के जरिए सर्वे करवाया जाता है जिसका वास्तविकता की सड़क से कोई लेना देना नही होता। इन गांवों में आए दिन जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है जिससे ग्रामीणों का अकेले घर से बाहर निकलना दुभर हो गया है और इस अत्याधुनिक युग में भी इन गांवों के ग्रामीणों द्वारा बीमार व्यक्ति को डंडी कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है।
जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है की विधायक अपने क्षेत्र के प्रति कितने संवेदनशील है। जिस कारण ग्रामीण अपनी उपेक्षा होते देख धीरे धीरे पलायन करने को मजबूर हो रहे है। वहीं इन गांवों में जो कमजोर व गरीब तबका है वह आज भी उम्मीद भरी निगाहों सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठा है की धामी सरकार इस उपेक्षित क्षेत्र की सुध जरूर लेगी। लोक निर्माण विभाग दुगड़डा के अधिसाशी अभियंता डीपी सिंह का कहना है की झवांणा गांव पांच किलोमीटर सड़क प्रथम चरण का आंकलन शासन को भेज दिया गया है स्वीकृति होने पर कार्य सुरु करवा दिया जाएगा।