रामलीला पर मंडरा रहा कोरोना का काला साया।
काशीपुर: काशीपुर में प्रत्येक वर्ष होने वाली प्रसिद्ध रामलीला के आयोजन पर इस बार कोरोना का साया पड़ता दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि कोरोना के संक्रमण के चलते रामलीला के मंचन की तैयारी भी नहीं हो पाई है, रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के मुताबिक प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है।
आपको बताते चलें कि काशीपुर में वैसे तो पर्वतीय रामलीला, पंजाबी रामलीला और पायते वाली रामलीला का आयोजन होता है। जिसमें रामनगर रोड पर स्थित रामलीला मैदान में काशीपुर की सबसे पुरानी पाएते वाली रामलीला सबसे पुरानी है। इसका मंचन हर साल किया जाता है। बीते वर्षों तक दशहरा के 1 महीने पहले ही कमेटी की ओर से मैदान में मंच सजाने तथा अन्य तरह की तैयारियां शुरू की जाती थी लेकिन इस बार कोरोनावायरस के चलते रामलीला आयोजन की संभावनाओं पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के मुताबिक मौजूदा हालातों में रामलीला का आयोजन होना बहुत मुश्किल लग रहा है। श्री रामलीला कमेटी के प्रबंधक महेश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक कोरोना के वर्तमान हालातों को देखते हुए शासन प्रशासन के द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में रामलीला का मंचन किया जाएगा अगर प्रशासन अनुमति देता है तो ही 17 अक्टूबर से रामलीला का मंचन किया जाएगा अन्यथा मंचन नहीं किया जाएगा। दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन के संबंध में उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन से वार्ता की जाएगी तथा परंपरा का निर्वहन करते हुए 5 या 10 फुट के रावण का पुतला दहन किया जाएगा। उनके मुताबिक अगर प्रशासन राम लीला मंचन की अनुमति देता है तो वृंदावन के कलाकारों के द्वारा लीला का मंचन किया जाएगा क्योंकि कोरोना संकट के चलते स्थानीय कलाकारों के साथ तैयारी करने का मौका नहीं मिल पाया है। अगर प्रशासन रामलीला मंचन के अनुमति नहीं देता है तो मंचन के 12 दिनों तक श्री राम लीला भवन में प्रतिदिन शाम को 2 घंटे रामायण का पाठ किया जाएगा।