पांच सूत्रीय मांगो को लेकर डॉक्टर कर रहे है काली पट्टी बांधकर आंदोलन
देहरादून: कोरोना के बढ़ते प्रकोप से जँहा एक ओर सरकार के पसीने छूट रहे है वंही डॉक्टरों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अगले एक सप्ताह का अपल्टीमेटम देते हुए आज से बिरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम करना सुरु कर दिया है ।
हालांकि कल मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक महोदया डॉ अमिता उप्रेती ने प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता की लें डॉक्टरों की मांगों पर पूर्ण सहमति न बनने से खफा डॉक्टरों ने आज से काली पट्टी बांधकर काम करना सुरु कर दिया है।
अब स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से गुरुवार को डॉक्टर्स की मुलाकात होगी उसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएंगे।
यंहा आप को बता दे चिकित्सक संघ की 5 मुख्य मांगे है जिसमे पहली माँग है कि चिकित्सको का हर माह एक दिन वेतन काटने का निर्णय सरकार वापिस ले, दूसरी माँग है मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा जसमे पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने की बात कही गयी है उसका शासनादेश जारी हो, तीसरी माँग है जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार, व पटवारी आदि को अस्पतालों के निरीक्षण करने से रोक जाये, चौथी माँग है जसपुर में विधायक द्वारा कंटेन्मेंट प्रभारी से की गई अभद्रता के लिए विधायक पर कार्रवाई की जाए, पांचवी मुख्य माँग है अस्पतालों में होने वाली मौत का ठीकरा डॉक्टरों के सिर न फोड़ा जाय।त्तराखण्ड में कोरोना के बढ़ते संकट के बीच सरकारी चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है
डॉक्टर्स ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर काम करना शुरू किया है
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने स्वास्थ्य सचिव को मामले के निपटारे के निर्देश दिए हैं
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती के साथ डॉक्टर्स की हुई वार्ता में कोई हल नहीं निकल पाया है
मांगों पर सहमति ना बन पाने से नाराज चिकित्सक संघ ने आंदोलन शुरू कर दिया है
अब स्वाथ्य सचिव अमित नेगी के साथ डॉक्टर्स की वार्ता होनी है ताकि मांगो पर कुछ फैसला हो सके
कल सीएम ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा था कि समस्याओं का समाधान होना चाहिए
राजकीय चिकित्सक संघ की 5 मुख्य मांगे है
1. चिकित्सको का हर माह एक दिन वेतन काटने का निर्णय सरकार वापिस ले,
2. पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने की सीएम की घोषणा का शासनादेश जारी हो,
3. जिलाधिकारियों द्वारा तहसीलदार एवं पटवारी आदि को अस्पतालों के निरीक्षण करने से रोका जाये
4. जसपुर में विधायक द्वारा कंटेन्मेंट प्रभारी से की गई अभद्रता के लिए विधायक पर कार्रवाई की जाए,
५. अस्पतालों में होने वाली मौत का ठीकरा डॉक्टरों के सिर न फोड़ा जाय।