बाजार बंद और चक्काजाम का दिखा पूरा असर।
कोटद्वार:– कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर आज कोटद्वार में पूर्ण रूप से बाजार बंद व चक्काजाम रहा। संघर्ष समिति ने पांच सूत्रीय मांगो को लेकर उत्तराखंड एवम् केंद्र सरकार के नाम खुला पत्र जारी कर राज्य निर्माण से पूर्व कोटद्वार को उपलब्ध सुविधाओ को बहाल करने को लेकर जनता से कोटद्वार बंद एवम् चक्काजाम का आह्वान किया गया था। जिसमे जनता ने अपना पूर्ण समर्थन देते हुए बाजार बंद एवम् चक्काजाम रखा। इस दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा की राज्य निर्माण से पहले हमे जो सुविधाएं मिलती थी वह बंद कर दी गई है। राज्य सरकारों ने कोटद्वार को जिला बनाने और मेडिकल कॉलेज के सपने दिखाती रही और जो सुविधाएं हमे पहले से मिल रही थी उनको बंद कर दिया। कोटद्वार से दिल्ली के लिए चलने वाली ट्रेन बंद कर दी, कंडी रोड,सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिया या यूं कहें कि पूरे कोटद्वार को तहस नहस कर दिया। अगर इस चक्काजाम से सरकार हमारी पांच सूत्रीय मांगो को पूरा नहीं करती है तो राज्य स्थापना दिवस के मौके पर हम एक स्वेत पत्र जारी करेंगे और एक एक नेता और सरकार को बेनकाब करेंगे जिन्होंने कोटद्वार के साथ धोखा किया है।
यह है पांच मुख्य मांगे।
उत्तराखण्ड एवं केन्द्र सरकार के नाम खुला पत्र राज्य निर्माण से पूर्व कोटद्वार को उपलब्ध निम्न सुविधाओं को बहाल करों
01>अंग्रेज़ों द्वारा कोटद्वार को दी गई सौगात कंडी रोड-कोटद्वार-लालढांग एवं कोटद्वार- रामनगर बस सेवा को बहाल किया जाय। (समाधान / सुझाव :- लालढांग, सनेह, पाखरो कालागढ़ वन रेजों को पूर्व की भांति पार्कों के बफर जोन से बाहर किया जाय।
02>अंग्रेज़ों द्वारा दी गई सौगात कोटद्वार से रात में दिल्ली जाने वाली रेल गाड़ी को “भरत जन्म भूमि कण्वाश्रम एक्सप्रेस” के नाम से बहाल किया जाये। ( समाधान / सुझाव :- सेंटिंग व्यवस्था नहीं है तो सीधी पूरी रेल गाड़ी लगा दीजिये, पटरी तो बिछी हैं।
03> उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य निर्माण से पूर्व की भांति मोटर नगर की भूमि को कोटद्वार को लौटा दीजिये। (समाधान/सुझाव :- विवादित धनराशि को सम्बंधित अदालत में जमाकर मोटर नगर की भूमि को मुक्त करायें तथा इस प्रकरण की सी.बी.आई. या न्यायिक जाँच कराई जाय ।।
04>उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य निर्माण से पूर्व की भांति कोटद्वार की सीवर ट्रीटमेंट व्यवस्था को बहाल किया जाये। (समाधान/सुझाव :- सुखरौ पुल के पास पूर्व की भांति उ०प्र० से भूमि लीज पर लेकर सीवर फार्म वापस किया जाये।
05>राज्य निर्माण से पूर्व की भांति कोटद्वार के मुक्तिधाम व स्टेडियम सहित क्षेत्रीय जनता को कूड़ा डम्पिंग जोन से मुक्ति दिलाई जाये। (समाधान / सुझाव :- सुखरौ पुल के पास पूर्व की भांति उ०प्र० से भूमि लीज पर ली जाये जैसे अन्य स्थानों पर है।