यमकेश्वर की जनता पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत से लगा रही मदद की गुहार।
यमकेश्वर:–अतिक्रमण मामले में न्यायालय के आदेश आने के बाद हरकत में आए विभागो ने अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू कर दी है।लेकिन कई विभागो को यह तक मालूम नही है की उनकी जगह कहां तक है और अतिक्रमण कितना हुआ है।
यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दुगड़डा से दिउली तक सड़क किनारे मकानों और दुकानों पर संबंधित विभाग ने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी कर, समय पर अतिक्रमण नहीं हटाने पर बुलडोजर से अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी कर रखा है बुलडोजर के डर से स्थानीय ग्रामीणों ने स्वयं ही अपने घरों को तोड़ना सुरु कर दिया है। बुलडोजर चलने के भय से ग्रामीण बेबस और लाचार नजर आ रहे है।
इस दौरान जब पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत व कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनोद डबराल ने यमकेश्वर विधानसभा के दुगड्डा, पोखाल, नालीखाल,कस्याली,भृगुखाल, कांडी, ठांगर, बिथयाणि,तुंगखाल,बिनख, दियूली, खैरखाल,घट्टूघाट में ग्रामीणों से मुलाकात कर हालचाल जाना तो ग्रामीण पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत से मदद की गुहार लगाते हुए नजर आए और ग्रामीणों ने बताया की वह न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते है लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग अपनी मनमर्जी से मकानों को अतिक्रमण की जद में बता रहे है जबकि कई जगह सड़क बनने से पहले के मकान है और पीडब्ल्यूडी ने कई लोगो मुआवजा तक नहीं दिया है ऐसे में पीडब्ल्यूडी कैसे इन मकानों को अतिक्रमण की जद में बता रहे है। एक ही सड़क के कैसे अलग अलग मानक हो सकते है कहीं 8 मीटर तो कहीं 20मीटर के मानक पीडब्ल्यूडी ने बता रखे है।
पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ग्रामीणों की पीढ़ा को सुनकर भावुक भी होते देखे गए और पूर्व विधायक ने स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट को आड़े हाथों लेते हुए कहा की बड़े शर्म की बात है की आज विधायक जनता के दुख दर्द में नही आ रही है। ये भाजपा की फितरत है चुनाव जीतने के बाद जनता से कोई मतलब नहीं रखते। इन 23सालो में विधायको की अनदेखी के कारण यमकेश्वर विधानसभा की स्थिति बद से बद्तर हो चुकी है।
विधायक रेनू बिष्ट द्वारा क्षेत्र की अनदेखी को लेकर भाजपा समर्पित कार्यकर्ता में भारी आक्रोश देखा गया कस्याली गांव के पूर्व प्रधान अनिल नेगी ने तीखे स्वर में कहा की जिस तरह से अतिक्रमण पर कार्यवाही चल रही है इसमें स्थानीय विधायक को जनता के साथ खड़ा होना चाहिए था चाहे किसी ने गलत किया है या सही किया है अगर जनप्रतिनिधि साथ रहे तो इससे मनोबल बढ़ता है इसीलिए जनप्रतिनिधि चुना जाता है की वह बुरे से बुरे वक्त में जनता के साथ रहे।