देहरादून की ट्रैफिक पुलिस के लिए बोझ बन रही टोपी।
देहरादून:-राजधानी देहरादून में ट्रैफिक पुलिस यातायात व्यवस्था सुधारने में बखूबी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। कई टोलिंग वैन शहर में घूम रही है जो सड़क किनारे नो पार्किंग से वाहनों को टोलिंग कर ले जा रहे है और वाहन स्वामी द्वारा 1500 रुपए का चालान भरकर आसानी से अपने वाहन को छुड़ाकर ले जा सकते है।
लेकिन वहीं सवाल यह उठता है की यातायात का पाठ पढ़ाने वाली ट्रैफिक पुलिस खुद ही यातायात के नियमो का उलंघन करती नजर आती है। टोलिंग वैन में चालक द्वारा खुद ही सीट बेल्ट नही लगाई जा रही है वहीं दूसरी ओर टॉलिंग वैन में बैठा जिम्मेदार वर्दीधारी भी बिना सीट बेल्ट और बिना टोपी के यातायात के नियमो का पाठ पड़ा रहे है। जिस टोपी को पुलिस की आन बान और शान के प्रतीक माना जाता है वह ट्रैफिक पुलिस के लिए बोझ बन गई है।
जिस तरह से ट्रैफिक पुलिस यातायात के नियमो का उलंघन और टोपी का अपमान कर रही है इससे तो यह प्रतीत होता है की शहर में घूम रही टोलिंग वैन को लुटेरी गाड़ी का नाम दिया जाए तो गलत नही होगा।
पुलिस के सर पर टोपी देखकर जो सम्मान का भाव जनता में जागृत होता है उस सम्मान से पुलिस अब दूरियां बनाती जा रही है जो सोचनीय विषय है।
पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा टोपी को बोझ समझने वालो पर निलंबन की कार्यवाही करनी चाहिए और साथ ही यातायात के नियमो के उलंघन करने पर एक माह के वेतन की कटौती होनी चाहिए। तभी जाकर साबित हो पाएगा की कानून की नजर में सब बराबर है।