नगर निगम का घोटालेबाज अकाउंटेंट गिरफ्तार।
कोटद्वार:-कोटद्वार नगर निगम के विभागीय घोटाले के अपराधी के खिलाफ 2021 मे कोटद्वार नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोतवाली कोटद्वार में रिर्पोट दर्ज करायी थी। कि नगर निगम कोटद्वार से वर्ष 2017-18 में 23,89,584/- की धनराशि तत्समय काम करने वाले ठेकेदारों के खातों में भुगतान किया गया। एकाउण्टेन्ट पंकज सिंह रावत द्वारा धोखाधड़ी व कूटरचना कर पुनः वर्ष-2021 में उसी कार्य का भुगतान 17,73,886/- की धनराशि ठेकेदार सुमिता देवी को किया गया। उपरोक्त अभियोग में अभियुक्त सुमिता देवी पत्नी स्व0 राजेन्द्र सिंह चौधरी व एक पार्षद को गिरफ्तार किया गया। उपरोक्त अभियोग में मुख्य अभियुक्त नगर निगम का एकाउण्टेन्ट पंकज सिंह फरार चल रहा था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्रीमती श्वेता चौबे के निर्देश पर गठित पुलिस टीम द्वारा सर्विलान्स की मदद से आज अभियुक्त पंकज सिंह रावत को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वही SSP ने अभियुक्त पंकज की गिरफ्तारी के लिए दस हजार रुपये का ईनाम रखा हुआ है।
नगर निगम में 24 लाख रुपये के घोटाले के बाद मिले 96.35 लाख रुपये के नए घोटाले में भी मास्टर माइंड अकाउंटेंट पंकज रावत समेत सात लोगों के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी और संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि इस मामले में तत्कालीन नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने पंकज रावत, ठेकेदार एहसान अहमद, नीरज रावत, अहसान, राजपाल सिंह, सुमिता देवी और रमेश चंद्र चौधरी के खिलाफ तहरीर दी थी। इन लोगों ने 23 चेकों के माध्यम से 96.35 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त किया जिसकी पूर्व में विभागीय जांच सहायक नगर आयुक्त कर चुके हैं। विभागीय जांच में यह बात सामने आई कि ये भुगतान पंजिका में दर्ज नहीं हुए। जांच रिपोर्ट में नगर निगम के खातों से 96,34,860 रुपये की धनराशि के अवैध रूप से भुगतान होने की पुष्टि हुई।
मास्टर माइंड अकाउंटेंट पंकज रावत 14 अक्तूबर को दर्ज पहले मुकदमे के बाद से फरार चल रहा था। इस बीच उसके खिलाफ अदालत से गैरजमानती वारंट जारी किया गया। इसके बाद भी पकड़ में न आने पर उसे दस हजार रुपये का ईनामी अपराधी घोषित किया गया।