वन क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी ने अवैध खनन पर कार्यवाही करते हुए सरकार को दिया भारी भरकम राजस्व।
कोटद्वार:- उत्तराखंड का पौड़ी जनपद हमेशा वीआईपी जनपदों में पहले स्थान पर रहा है। इस पौड़ी जनपद ने उत्तराखंड प्रदेश को कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री दिए यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी पौड़ी जनपद से ही है। इतना वीआईपी जनपद होने के बाद जब बात ईमानदार अधिकारियों की आती है तो जिम्मेदार अधिकारी बड़ी जेब लिए हुए घूमते नजर आते है जिसमे एक जेब खुद के लिए व दूसरी जेब सत्ता में बैठे अपने आका के लिए तैयार रखते है। लगभग हर जिम्मेदार अधिकारी किसी ना किसी सफेदपोस नेता का मुरीद बना बैठा है।
लेकिन जैसे है प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी पारी खेलते हुए जिस तरह से चौके, छक्कों की बौछार करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को पवेलियन से बाहर का रास्ता दिखाया यह कहीं ना कहीं उत्तराखंड के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना इस लिए की जा रही है क्योंकि मुख्यमंत्री ने जिस तरह से वन विभाग में ईमानदार व कर्तव्यानिष्टअधिकारियों को लैंसडोन वन प्रभाग की कमान सौंपी हुई है वह काबिले तारीफ है। लैसडोन वन प्रभाग में डीएफओ दिनकर तिवारी और कोटद्वार रेंज में अजय ध्यानी की नियुक्ति की हुई है।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की बहुत जल्दी ही पूरे प्रदेश के दिन बहुरेंगे। कोटद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी को पूरे प्रदेश के ईमानदार अधिकारीयो में पहले स्थान पर देखा जाता है। अजय ध्यानी ऐसे रेंजर है जो किसी सिफारिस को नही सुनते और सीधे कार्यवाही करते है। आजसे पहले कोटद्वार में खनन माफियों का भारी बोलबाला था और दिन दहाड़े अवैध खनन को अंजाम देकर सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पंहुचा चुके है। लेकिन अजय ध्यानी ने महज दो महीनो में अवैध खनन पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए खनन माफियों को दांतो तले चने चबाने को मजबूर कर दिया है और एक भारी भरकर राजस्व सरकार को दे चुके है। माफिया ही नहीं रेंजर अजय ध्यानी लापरवाही बरतने वाले अपने कर्मचारियों को भी नही बखस्ते है जिसमे रेंजर ध्यानी ने अवैध खनन में संलिप्त एक वन आरक्षी को उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर सस्पेंड कराया। वन क्षेत्राधिकारी ने कहा है की किसी हालत में वन विभाग में माफियों को हावी नही होने दिया जाएगा अवैध कार्य करने वालो पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
वहीं बात खनन माफियों की तो वह अजय ध्यानी के स्थानांतरण कराने के लिए एड़ी से चोटी का पूरा जोर लगा चुके है।