अब तक के इतिहास में पहली बार अवैध खनन में संलिप्त वन कर्मी को किया गया सस्पेंड।
कोटद्वार – लैंसडौन वन प्रभाग के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है जब किसी कर्मचारी पर कार्यवाही करते हुए सस्पेंड किया गया है। यह मुमकिन तभी हो पाया जब साफ छवि के वन क्षेत्राधिकारी और प्रभागीय वनाअधिकारी की नियुक्ति हुई, आज तक लैंसडौन वन प्रभाग में इस तरह की कार्यवाही पहले कभी नहीं देखी गई की किसी कर्मचारी या अधिकारी पर सस्पेंड करने की कार्यवाही की गई हो। प्रभागीय वन अधिकारी दिनकर तिवारी और कोटद्वार रेंज में क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी के नियुक्ति के बाद इस तरह की कार्यवाही देखने को मिली।
आपको बताते चले कि कोटद्वार में नदियों का सीना चीर कर अवैध खनन का काला खेल जोरो से चलता है। आज से पहले खनन माफियों की विभागो में तूती बोलती थी और खनन माफिया नदियों में बेधड़क अवैध खनन को अंजाम देते थे। लेकिन अब नवनियुक्त रेंजर और डीएफओ की नियुक्ति के बाद खनन माफियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया। जिसमे रेंजर अजय ध्यानी अवैध खनन पर सख्त रुख अपनाते हुए खनन माफियों पर कार्यवाही कर ही रहे है साथ ही अवैध खनन को बढ़ावा देने वाले कर्मचारियों पर भी कार्यवाही कर रहे है। जिसमे वन क्षेत्राधिकारी अजय ध्यानी ने मालन नदी में अवैध को बढ़ावा देने वाले मालन बीट में तैनात वन आरक्षी सोनू कुमार सैनी की संलिप्ता पाई और पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। जिसमे उच्चाधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए वन आरक्षी को सस्पेंड कर दिया। साथ ही हिदायत भी दी कि अगर कोई भी कर्मचारी इस तरह के क्रियाकलापों में सम्मिलित पाया जाता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वन क्षेत्राधिकारी की कार्यवाही से खनन माफियों के साथ साथ अब कर्मचारियों में भी खोफ देखा जा रहा है,जो कोटद्वार और वन विभाग के लिए शुभ संकेत है।