जांच टीम के मुताबिक इस वन प्रभाग में नही हुआ अवैध पातन।
कोटद्वार:- लैंसडौन वन प्रभाग की दुगड्डा रेंज के अंतर्गत विभिन्न गांवों में नापखेत की भूमि पर काश्तकारों को पेड़ों के कटान की अनुमति की आड़ में अवैध कटान की जांच के दूसरे दिन विशेष जांच दल ने भेल्डा और बैरगांव का दौरा किया । जांच में जितने पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की गई थी , उससे अधिक पेड़ काटने के कोई साक्ष्य नहीं मिले । हालांकि कुछ पुराने कटे पेड़ों के ठूंठ जरूर मिले ।
लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार की ओर से मई , 2021 से जून 2022 के बीच काश्तकारों को पेड़ कटान के लिए करीब 76 परमिट जारी किए गए थे । सोशल मीडिया पर चली खबरों , वायरल वीडियो के आधार पर कुछ लोगों ने अवैध कटान की शिकायत वन विभाग के उच्चाधिकारियों से की थी । शिवालिक वृत्त के मुख्य वन संरक्षक डॉ . धीरज पांडेय ने जांच के आदेश देते हुए मसूरी वन प्रभाग की एसीएफ डॉ . शिप्रा शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है । मसूरी वन प्रभाग की सहायक वन संरक्षक ( एसीएफ ) डॉ . शिप्रा शर्मा ने शनिवार को यहां पहुंचकर पत्रावलियां खंगाली थीं । रविवार को उनकी अगुवाई में विशेष जांच दल दुगड्डा रेंज के अधिकारियों और कर्मियों के साथ पहले भेल्डा और फिर उसके बाद बैरगांव पहुंचे । विशेष जांच दल ने नापखेत में पेड़ कटान और उनके ठूंठों की जांच की । रेंजर धर्मानंद ध्यानी ने बताया कि जांच के दौरान जितने पेड़ों के कटान की अनुमति दी गई थी , उससे अधिक पेड़ काटने के कोई साक्ष्य नहीं मिले । जांच पूरी होने के बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है ।